नितिन नामदेव, रायपुर. पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, नंदकुमार साय वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं. कांग्रेस में एक माहौल बनाया गया कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर का पद दिया जाएगा, लेकिन उनके राजनीतिक जीवनकाल का सबसे छोटा पद दिया गया. बीजेपी ने अनेक पद दिये थे. पीसीसी के नए अध्यक्ष का आगमन हुआ तो नंदकुमार साय को दरकिनार किया गया. इससे हमें शर्मिंदगी हुई. NSUI के जिलाध्यक्ष के साथ वह खड़े रहे. आदिवासियों का अपमान करना कांग्रेस की आदत रही है.

PCC अध्यक्ष दीपक बैज के केंद्र से सहयोग नहीं मिलने वाले बयान पर केदार कश्यप ने कहा, PCC के अध्यक्ष ने कहा केंद्र से हमें पैसे नहीं मिल रहे हैं. सीएम एक ओर कहते हैं केंद्र से हमें सहयोग मिल रहा और मोदी जी जब चले गये तो बोलते हैं सहयोग नहीं मिल रहा है. जनता को क्यों भ्रमित करना चाहते हैं. कांग्रेस हमेशा पलटी मारती है. GST को लेकर इस सरकार ने बहुत से भ्रांति फैलाई है. केंद्र से राज्य को GST का बहुत पैसा मिला है. मैं पूछना चाहता हूं, कांग्रेस सरकार से कि इस राशि को किस मद में उपयोग किया.

केदार कश्यप ने कहा, बिना जानकारी के केंद्र के ऊपर दोषारोपण करना ठीक नहीं है. इनका भौंकना बंद नहीं होगा तो भौंकने को बंद करना बीजेपी को आता है. किसानों को हो रही खाद की समस्या पर केदार कश्यप ने कहा, आज हमारे किसानों को खाद नहीं मिल रहा. किसान लगातार खाद के लिए भटक रहे हैं. जैविक खाद के नाम पर मिट्टी को दे रहे हैं. किसान इससे बहुत आक्रोश में है. इसे लेकर बीजेपी उग्र आंदोलन करेगी. हर विधानसभा स्तर पर धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम हो रहा है.

पूर्व मंत्री कश्यप ने कहा, कांग्रेस का यह अंतिम सत्र है. दाखिलाफी के चलते जनता इनसे जवाब माँग रही है. नंदकुमार साय के बीजेपी में वापस आगमन पर पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा, हमने कभी किसी के लिए दरवाजे बंद नहीं किए. अगर वह बीजेपी में आना चाहते हैं तो उनके लिए दरवाजे कभी बंद नहीं होंगे.

कांग्रेस में हुई नई नियुक्तियों पर पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा, जिनकी चुनौत बड़ी हो गई उन्होंने अपना विस्तार किया है.
कांग्रेस बिना सेनापति के चुनाव नहीं लड़ेंगे. मोहन मरकाम ने सरकार को घेरने का काम किया है. नई नियुक्तियां से कुछ नहीं होना है. केवल डिब्बे बदलते रहेंगे कुछ नहीं होगा, जब इंजन बदलेंगे तब कुछ होगा.