नितिन नामदेव, रायपुर. आरोप पत्र समिति की बैठक और आरोप पत्र तैयार करने की बात पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा, एक झलकी देते हैं, 8 करोड़ रुपए के डैम बिना काम और टेंडर के बन गए. पैसा भी निकल गया और टेंडर भी नहीं बना. यदि सरकार में दम है तो हमारे आरोप पत्र पर वह कमेटी बनाएं. जिस दिन जारी करेंगे उस दिन जांच स्वयं करवाएंगे. हम झीरम पर भी पत्र में लिखेंगे.

चंद्राकर ने कहा, शराबबंदी घोषित है. धान खरीदी और कर्ज माफी के लिए कसम खाएं हैं बोलते हैं. जो वह बोले सब सही, जो हम बोले वह सब गलत. आपको बताना था कि गंगाजल की सौगंध किस किस चीज के लिए खाई है.

विधानसभा मानसून सत्र को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा, 3 दिन का सत्र रहेगा. परंपरा अनुसार सत्र दिनभर के लिए स्थगित हो जाएगा. बीजेपी का या विधानसभा का सबसे बड़ा मोशन नो–कॉन्फिडेंस मोशन है, जिसे हमने मोशन में भेज दिया है. सरकार को ईमानदारी से काम करना है. उनकी कोई दृष्टि नहीं है, कोई विजन नहीं है. विनियोग विधेयक को छोड़कर कुछ नहीं आएगा. अन्य कामों को करने के लिए तीन दिन के सत्र में संभव नहीं है. हम अध्यक्ष से आग्रह करेंगे की खुली चर्चा बिना किसी समय निर्धारण के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करवाएं.

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने तीन दिनों में सभी प्रश्नों के उत्तर देने की बात पर कहा, जितने प्रश्न लगे हैं उतने होंगे. तीन दिनों के सरकारी बिजनेस का सवाल है. सरकार दिशाहीन हो गई है. गिल्ली डंडा और भौंरे में लगी रहेगी. सरकार की जनकल्याण के लिए कोई विषय है या नहीं.

हरेली पर्व पर सरकार द्वारा खुद को किसान हितैषी बताए जाने को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, संस्कृति क्या है. यह हमें राज्य सरकार से जानने की जरूरत नहीं है. देश के पूरे क्षेत्रों में भौगोलिक संस्कृति के बहुत सारे आयाम हैं. हरेली से कम नहीं है दुर्ग और कुरूद में जो घटना घटती है. हरेली को बच्चा-बच्चा और हर किसान जानते हैं. जो चीजें प्रमोट करने की जरूरत है उन्हें वह करना नहीं जानते.