रायपुर। समृद्ध छत्तीसगढ़ होना चाहिए. यह छत्तीसगढ़ है कबीर का, गुरु घासीदास का, सबरी माता का, कौशल्या माता का. सालों से हमारे गुरुओ ने जो शिक्षा दी, उसकी वजह से छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहलाता है. एक समय छत्तीसगढ़ को गोली-बारुद के नाम से जाना जाता था. लेकिन आज छत्तीसगढ़ की विशिष्ट परंपरा और विशिष्ट शैली की चर्चा होती है. इसी वजह से आज ‘छत्तीसगढ़ सबले बढ़िया’ कहा जाता है. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश ने रायपुर जिला के ग्राम नवागांव (ल) में हरेली तिहार के अवसर पर आयोजित कृषि सम्मेलन में कही.

NEWS 24 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ और लल्लूराम डॉट कॉम के सौजन्य से आयोजित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि सम्मलेन के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार है. आज के दिन जहां किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा करने के साथ गाय-बैलों की पूजा करते हैं. बच्चे इस अवसर पर गेड़ी चढ़ते हैं, और यादव समाज के लोग घरों में जाकर नीम की डंगाल लगाते हैं.

यह त्योहार हमारे आने वाले संपन्नता और खुशहाली का त्योहार है. व्यवस्थापकों की व्यवस्था करने में भले ही पसीना छूट गया हो, लेकिन खुशी की बात यह है कि जोरदार बारिश से खेतों में पानी भर गया है. इस साल पानी भले ही देर से आया है, लेकिन समय-समय पर आया है. अब 12-14 आना फसल हो जाएगा. एक और पानी गिर गया तो 16 आना फसल तय है. और 16 आना धान हुआ तो फिर 20 क्विंटल धान बेचना तय है.

मुख्यमंत्री ने अगले साल ज्यादा कीमत पर धान बेचने की बात कहते हुए पिछली सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 2100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने की बात कही थी, लेकिन दिया नहीं. यही नहीं चुनावी साल में 300 रुपए बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन उसे भी दिया नहीं. हमने कोरोना काल में भी किसानों को निराश नहीं होने दिया. संकट के समय सब परेशान थे, उसी वजह से तीन महीने का राशन लोगों के घरों में पहुंचा दिया था.

संकट के समय छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार, किसान और मजदूर के साथ खड़ी थी. दूसरी जगह मंदी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में वह स्थिति नहीं थी. तिहार मनाना हो तो उसका वातावरण भी बनाना पड़ता है. त्योहार तो पहले भी मनाते थे, लेकिन बीच में देखें कि किसान-मजदूर परेशान है. ऐसे में तिहार का क्या मजा है. आज किसान कोई कर्ज में नहीं डूबा है. यह परिवर्तन लाए हैं. जब जेब में पैसा होता है, तो मन भी प्रसन्न रहता है. जब मन प्रसन्न है, तो तिहार का आनंद कुछ और है. आज हरेली तिहार के दिन कितनी खुशहाली नजर आ रही है.

इसके बाद स्वास्थ्य की चिंता. लोगों को स्वास्थ्य को लेकर परेशान नहीं होना चाहिए. गरीब परिवार के बेटे का इलाज पर लगने वाले 40 लाख रुपए की व्यवस्था का जिक्र किया. उपचार के साथ-साथ रोजगार और शिक्षा का भी जिक्र किया. स्वामी आत्मानंद स्कूल का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए प्रदेश में 10 अंग्रेजी कॉलेज खोलने का फैसला लिया गया है.

शिक्षा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ियों की पहचान- हमारी बोली, खान-पान, नृत्य-संगीत को पहचान दिलाने का काम किया. पहले बोरे-बासी खाने पर शर्म महसूस किया करते थे, लेकिन अब बोरे-बासी खाने में शर्म महसूस नहीं होता है. बहुत सी जगहों में आस्था के केंद्र है, उन्हें प्रतिष्ठा दिलाने का काम किया. हर ब्लॉक में गुरु घासीदास का संदेश लिए बहुत सुंदर जैतखांभ बनाने का काम कर रहे हैं. हमारी लगातार कोशिश है कि हमारी पहचान को देश-दुनिया को लाने का काम लाया जाए.

कार्यक्रम के शुरुआत में NEWS 24 मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के चेयरमैन नमित जैन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत किया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पहले मंत्री शिव डहरिया और अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर NEWS 24 मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और लल्लूराम डॉट कॉम के एडिटोरियल डॉयरेक्टर मनोज सिंह बघेल, सीईओ अमित जैन व देवेंद्र मिश्रा सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे.