नितिन नामदेव, रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है. सत्र के पहले दिन विधानसभा के सामने SC-ST वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया. वहीं विधानसभा पहुंचने से पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोककर हिरासत में ले लिया. प्रदर्शनकारियों की मांग है की फर्जी जाति मामले में कार्रवाई की जाए. जिसको लेकर यह नग्न प्रदर्शन किया. नग्न प्रदर्शन करने वाले सभी युवाओं को पुलिस हिरासत में लेकर मंदिर हसौद थाना ले गई.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायते मिली थी कि, गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकिय नौकरियों और राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे है. इस मामले की गम्भीरता देखते हुए सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी, जिसके रिर्पोट के आधार पर समान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटाकर उन्हे बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए.

आदेश खानापूर्ति ही साबित हुए सरकारी आदेश कों पालन में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति के रिर्पोट कों न्यायलय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग है जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मौज काट रहे और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाए दे रहे हैं. इसे लेकर आज अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया.

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