जशपुर. 50 सालों से जनजातीय समाज की सूची से कटे रौतिया समाज ने मंगलवार को अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर नेशनल हाइवे 43 पर चक्काजाम कर दिया. नेशनल हाइवे पर अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. खुद को आदिवासी समुदाय में शामिल कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को अतिरिक्त जानकारी नहीं भेजने से नाराज अखिल भारतीय रौतिया समाज अपने 1 लाख लोगों को सड़क पर उतारने की तैयारी बीते कई दिनों से कर रहा है.
जानकारी के मुताबिक रौतिया समाज ने राज्य शासन को 17 जुलाई तक अतिरिक्त जानकारी दिल्ली भेजने की मांग की थी. जिसकी समय सीमा कल खत्म हो गई. इसके बाद समाज ने चक्काजाम करने की सूचना दी थी. कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी तरीके से आवागमन को रोकने की अनुमति नहीं दी थी. इससे पहले समाज के प्रमुखों के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कुनकुरी में बैठक की थी. जिसमें रौतिया समाज के प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश साय ने चक्काजाम करने की चेतावनी दी थी.
चक्काजाम में समाज के संरक्षक में रूप में कई बड़े चेहरे शामिल हुए. जिनमें भाजपा के संगठन मंत्री पवन साय, पूर्व संगठन मंत्री रामप्रताप सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश साय,जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनी भगत के नाम सामने आए हैं. अखिल भारतीय रौतिया समाज के पदाधिकारी बता रहे हैं कि इस चक्काजाम में छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी राज्य झारखण्ड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से भी समाज के लोग शामिल होने आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ के रौतिया समाज के लोग कल से ही लोरो के आसपास अपने रिश्तेदारों के घरों में आकर ठहरे हुए हैं.
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