रायपुर। विधानसभा में एससी-एसटी युवाओं के नग्न प्रदर्शन का मुद्दा गूंजा. विपक्ष ने शून्य काल के दौरान स्थगन प्रस्ताव पेश कर चर्चा की मांग की. आसंदी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य करने पर विपक्षी सदस्य युवाओं की रिहाई की मांग को लेकर गर्भगृह में उतरकर नारेबाज़ी करने लगे. इस पर आसंदी ने विपक्षी सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया.

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सदन में सवाल किया कि ऐसी कौन सी स्थिति बन गई कि युवाओं को नग्न होकर प्रदर्शन करना पड़ा. युवाओं ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद भी उनकी माँगों को नज़रअंदाज़ किया गया. हम सरकार से इस्तीफ़े की माँग करते हैं. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नग्न प्रदर्शन की सूचना शासन को पहले से नहीं दी गई थी. फर्जी प्रमाण पत्र के साथ नौकरी करने वालों के खिलाफ नग्न प्रदर्शन किया गया. पुलिस द्वारा रोकने पर झूमाझटकी की गई. पुलिस कर्मियों को चोटें आई. इस आधार पर गिरफ़्तारी की गई. प्रकरण की विवेचना की जा रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि ये बहुत संवेदनशील मामला है. इसे राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए. छत्तीसगढ़ का व्यक्ति सरल, संकोची होता है. एससी-एसटी वर्ग के युवा अपने अधिकारों को लेकर पीड़ित हैं. इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाईपॉवर कमेटी बनाकर जाँच कराई जाये और ज़िम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए.

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार पर लानत है. इस सरकार ने युवाओं को नग्न होने पर मजबूर कर दिया. घटना से हम सब शर्मसार हुए हैं. नग्न प्रदर्शन करते हुए युवा विधानसभा के क़रीब पहुंच गये. एससी-एसटी वर्ग के युवा अपनी मांगों को लेकर नग्न प्रदर्शन पराकाष्ठा है. इस मामले में अब तक किसी के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई.

अजय चंद्राकर ने कहा कि यह देश में पहली बार हुआ कि एससी-एसटी वर्ग के युवाओं ने सरकार के सामने नग्न प्रदर्शन किया. सरकार को यह मालूम था कि युवाओं में नाराज़गी है. बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि एक साधु नग्न होकर आता है तो उसकी पूजा की जाती है. लेकिन जब अपने अधिकारों को लेकर एक वर्ग का युवा प्रदर्शन करता है, तब उल्टे उन्हें ही जेल में डाल दिया जाता है.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि देश को शर्मसार करने वाली घटना घटी. एसटी-एसटी वर्ग के युवाओं ने मंत्रियों के क़ाफ़िले के सामने नग्न प्रदर्शन किया. देश में ऐसी घटना नहीं घटी. मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नियुक्ति करने वाली बीजेपी सरकार ही थी. बीजेपी सरकार के वक़्त ये नियुक्तियां की गई थी.

कांग्रेसी विधायक संगीता सिन्हा और कुलदीप जुनेजा ने कहा कि नग्न प्रदर्शन को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता. नग्न होकर प्रदर्शन महिलाओं का अपमान है. प्रदर्शन ऐसा नहीं हो सकता. धर्मजीत सिंह ने कहा कि एक हाईपॉवर कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए. धरमलाल कौशिक ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र के ज़रिए नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन यहां युवाओं पर कार्रवाई की जा रही है.