चंडीगढ़. आई.एन.डी.आई.ए. में 26 राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन के बाद कांग्रेसी हलकों में हलचल-सी मच गई है क्योंकि आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन में कांग्रेस के किए गए समझौते से कांग्रेसी नाराज हैं।

सूत्रों के अनुसार इस समझौते के चलते कांग्रेस पार्टी के सीनियर चेहरे पार्टी को झटका दे सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार ये सीनियर चेहरे पार्टी को अलविदा कहने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक उक्त लीडर सुनील जाखड़ के संपर्क में चल रहे हैं और जल्द ही भाजपा का हाथ थाम सकते हैं।


वहीं नाराज चल रहे कांग्रेसी लीडरों का कहना है कि आम आदमी पार्टी एक तरफ उनके नेताओं पर मामले दर्ज करवा रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस हाईकमान ‘आप’ वाले गठबंधन में समझौता कर अहम भूमिका अदा कर रही है।

लोकसभा चुनाव 2024 के महामुकाबले का मंच तैयार हो चुका है. 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने महाबैठक की, जिसमें देश भर से 26 राजनीतिक दल एक साथ आए. इस बैठक में एनडीए का मुकाबला करने के लिए एक नया मोर्चा बना, जिसे I.N.D.I.A. नाम दिया गया है, जिसका मतलब है- इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के विरोध में बने इस मोर्चे में कई ऐसे दल भी हैं, जो कभी खुद उसी NDA का हिस्सा रहे हैं.

गठबंधन को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू का ट्वीट

आई.एन.डी.आई.ए. में 26 राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ”यह लोकतंत्र के अस्तित्व की लड़ाई है… “संवैधानिक मूल्य” विलुप्त हो जाएंगे यदि जनशक्ति की आड़ में तानाशाह के रूप में शासन करने वाले लोग देश के कल्याण के लिए काम करने वाली एजेंसियों को गुलाम बनाना जारी रखेंगे। “महाभारत” अच्छे और बुरे के बीच की लड़ाई थी… यह लोकतंत्रवादियों और निरंकुशों के बीच की लड़ाई है… तुच्छ स्वार्थी लाभों को भूलने का समय… पैरिश-पंप राजनीति को त्यागें और “संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष” को सशक्त बनाने की दिशा में काम करें “भारत लोकतांत्रिक गणराज्य” की परिकल्पना हमारे पूर्वजों ने की थी! भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन वह आवाज़ है जो हमारे संवैधानिक लोकाचार की रक्षा करेगी और लोगों के मुद्दों के लिए लड़ेगी… “भारत के लोगों” आपके पास एक विकल्प है, अपना भाग्य चुनें……. लोकतंत्र के लिए वोट करें – भारत के लिए वोट करें – वोट करें तानाशाही शासन के खिलाफ। शाबाश I-N-D-I-A आप हमारे संविधान की शाश्वत भावना के लिए लड़ रहे हैं!”