Fraud: घर बैठे लोगों की विडियो-फोटो लाइक करके पैसे कमाने का झांसा देकर टास्क फ्रॉड करने वाले गिरोह काफी लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं. किसी से 20 लाख तो किसी से 15 लाख रुपये इंवेस्ट करवाकर ये ठग अबतक ठगी का शिकार बना चुके हैं. इनके चक्कर में पढ़े-लिखे युवा के साथ डॉक्टर, इंजीनियर धोखाधड़ी और ठगी का शिकार हो रहे हैं. रोजाना इस तरह की ठगी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ये पूरा गिरोह विदेश से ऑपरेट हो रहा है. इसमें पैसे हवाला के जरिए बाहर विदेश में भेजे जा रहे हैं. साइबर थाने की पुलिस भी ठगों के नए-नए पैंतरों से हैरान है.
पुलिस सूत्रों ने बताया की टास्क देकर लोगों को इंवेस्ट करने के नाम पर ठगने वाला गिरोह दुबई से ऑपरेट कर रहा है. ये गिरोह मुंबई और गुजरात में बैंक अकाउंट खुलवाकर ठगी के पैसे इन खातों में डलवाते हैं. इसके बाद ये पैसा हवाला के रास्ते भारत से बाहर जा रहा है. मुख्य रूप से ये पूरा ऑनलाइन नेक्सेस वट्सऐप के जरिए चल रहा है. दुबई में व्हाट्सएप कॉलिंग पर बैन है. ऐसे में ठग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के जरिए लोगों से पहले कनेक्ट होकर उन्हें झांसे में लेते हैं. शुरुआत में वो छोटे-मोटे अमाउंट वापस कर देते हैं. जब पीड़ित मोटा इंवेस्टमेंट कर देता है तो उसे और फंसाते हैं.
ED भी कर सकती है केस दर्ज
साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि टास्क देने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह दुबई से ऑपरेट हो रहा है. ऐसे में ये ठग ठगी के पैसे को देश से बाहर हवाला के जरिए ले जा रहे हैं. ऐसे में अब ED को पत्र लिखकर इन मामलों की जांच करने को कहा जाएगा. साथ ही जिन अकाउंट में ठगी के बाद पैसे ट्रांसफर करवाए जा रहे हैं, उन खातों को किसके नाम से खुलवाया गया है, उसकी जांच की जा रही है.
साइबर ठगों को डिपोर्ट कराने की तैयारी
साइबर ठगों को दुबई से डिपोर्ट कराने को लेकर साइबर थाना कि टीम तैयारी कर रही है. साइबर थाने की टीम ने दुबई में बैठे ठगों को चिह्नित कर लिया है. ऐसे में अब पुलिस इन ठगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करवाएगी. इसके साथ ही इन ठगों को डिपोर्ट कराकर इन्हें गिरफ्तार करेगी.
ध्यान रखें ये बातें
- किसी भी विदेशी नंबर से मेसेज आता है तो उसे नजरअंदाज करें.
- यूट्यूब चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करने से किसी को पैसा नहीं मिलता है.
- अगर कोई आपको इस तरह पैसे देता भी है तो ध्यान रखें कि आप भी अपराधियों की श्रेणी में आ सकते हैं.
- इस तरह के मेसेज भेजने वाले नंबरों को तत्काल ब्लॉक लिस्ट में डाल दें.
- इन नंबरों की शिकायत साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930 पर करें.
- मोबाइल पर किसी को खाते की जानकारी न दें.
- आपसे अगर कोई डिटेल मांग रहा है तो समझ लें कि यह ठग का ही जाल हो सकता है.
सबसे पहले करें ये काम
- साइबर ठगी होने की स्थिति में आपको तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करनी चाहिए. शिकायत दर्ज करने के बाद आपके पैसे के दोबारा मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. यह नंबर गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल का सेंट्रलाइज नंबर है. जो पूरे देशभर में लागू है. साथ ही गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर कंप्लेंट करें.
- इसके तुरंत बाद आप अपने बैंक को पूरी घटना के बारे में जानकारी दें. खाते को ब्लॉक करा दें. कई बार देखा गया है कि साइबर ठग एक बार पैसे निकालने के बाद विक्टिम के खाते से दोबारा पैसे निकालने की कोशिश करता है. अगर आपके मोबाइल से सेंध लगाई है तो सिम प्रोवाइडर कंपनी को कॉल करके अपने सिम को ब्लॉक कराएं.
- आपको अपने साथ हुई ठगी की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर दर्ज करानी होगी. शिकायत दर्ज कराते समय आपको बैंक पासबुक रिकॉर्ड की कॉपी, आईडी और एड्रेस प्रूफ की कॉपी पुलिस स्टेशन में जमा करनी होगी.
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