उत्तर प्रदेश से एक संगीन मामला सामने आया है. सिटी मजिस्ट्रेट की पत्नी ने आरोप लगाया है कि प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय के आदेश के बाद भी जौनपुर सिटी मजिस्ट्रेट अपनी पत्नी को नियमित गुजारा भत्ता नहीं दे रहे हैं. पीड़िता ने पति की कार्यशैली की शिकायत कोर्ट में की है. मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है. इसके अलावा पत्नी ने अपने पति पर अप्राकृतिक संबंध बनाने के आरोप भी लगाए हैं.

पीड़िता ने 15 जुलाई 2020 को महिला थाने में अपने पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में उसने कहा कि उसका पति दिन में कई बार उसके साथ जबरदस्ती अप्राकृतिक संबंध बनाता था.

जनपद अलीगढ़ के थाना खैर के लोहागढ़ निवासी देवेन्द्र सिंह वर्तमान में जौनपुर में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं. फिरोजाबाद में एसडीएम पद पर तैनाती के दौरान उनकी शादी एक जुलाई 2018 को थाना करहल निवासी से हुई थी.

शादी के बाद दहेज की मांग पूरी न करने पर प्रताड़ित कर 30 अगस्त 2019 को देवेंद्र ने पत्नी को घर से निकाल दिया. उसकी सहमति के बिना फिरोजाबाद में एक महिला डॉक्टर से उसका ऑपरेशन कर दिया गया.

पत्नी ने अपने पति से गुजारा भत्ता पाने के लिए अपने वकील एएच हाशमी के माध्यम से प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय में 3 दिसंबर, 2019 को मामला दायर किया. मामले की सुनवाई के दौरान जब देवेन्द्र सिंह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए तो फैमिली कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश अनिल कुमार ने 15 हजार रुपये मासिक भुगतान का आदेश दिया.

इसी दौरान देवेन्द्र सिंह की तैनाती शामली जनपद बिजनौर में हो गयी. 23 फरवरी 2022 को मुख्य न्यायाधीश द्वारा डीएम बिजनौर को पत्र लिखने के बाद एसडीएम देवेन्द्र सिंह कोर्ट में उपस्थित हुए और पांच माह का गुजारा भत्ता दिया.

पत्नी ने प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय में शिकायत की है. शिकायत में कहा गया है कि उनके पति वर्तमान में जौनपुर में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं. वह नियमित रूप से गुजारा भत्ता नहीं दे रहे हैं.

चीफ जस्टिस फैमिली कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे हैं. पत्नी की शिकायत पर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट गुलाम-उल-मदार ने मामले की सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है.

अप्राकृतिक संबंधों की भी बात

पत्नी ने 15 जुलाई 2020 को महिला थाने में अपने पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. पत्नी ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में कहा कि उसका पति दिन में कई बार उसके साथ जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाता था. जब उसने विरोध किया तो उसे बेरहमी से पीटा गया.

पीड़िता के बयान के आधार पर तत्कालीन महिला थाना प्रभारी ने देवेन्द्र सिंह के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाने की धारा के तहत आरोप पत्र भी न्यायालय में भेजा था. महिला के खिलाफ क्राइम कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है. इस मामले में सुनवाई के लिए 5 अगस्त की तारीख तय की गई है.

पीड़िता के वकील एएच हाशमी ने कहा कि पत्नी को प्रताड़ित करने वाले सिटी मजिस्ट्रेट जौनपुर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी पीड़िता को गुजारा भत्ता नियमित रूप से नहीं दिया जा रहा है. पीड़िता मानसिक तनाव में है.

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