Raipur-Bilaspur News: प्रतीक चौहान. रायपुर. छत्तीसगढ़ के तमाम निजी अस्पताल शासकीय योजनाओं के क्लेम समय पर न मिलने और केस बेवजह रिजेक्ट होने से परेशान है. लेकिन ऐसा नहीं है कि क्लेम पास नहीं हो रहे है. जिन पर एसएनए यानी स्टेट नोडल एजेंसी के अधिकारी मेहरबान है उनके सभी केस पास हो रहे है और उन्हें पूरा पेमेंट भी समय पर मिल रहा है.
इस पूरे खेल को लल्लूराम डॉट कॉम ने विस्तार से समझा है और इस पूरे खेल की कड़ी दर कड़ी अब जुड़ते जा रही है और पूरे खेल एक-एक कर सामने आते जा रहे है. अब बात करते है उस अस्पताल कि जिसके क्लेम स्टेट नोडल एजेंसी की महरबानी से बिना किसी रिजेक्शन के पास हो गए है.
इस अस्पताल का नाम है मार्क हॉस्पिटल (Mark Hospital). लल्लूराम डॉट कॉम के पास मौजूद पुख्ता जानकारी के मुताबिक इस अस्पताल ने पिछले वित्तीय वर्ष में 5301 केस ब्लॉक किए. यानी शासकीय योजनाओं के तहत 5301 मरीजों का इलाज किया. इसके लिए उन्होंने 5 करोड़ 67 लाख से अधिक का पैकेज ब्लॉक किया.
इसमें से स्टेट नोडल एजेंसी ने मात्र 5 केस रिजेक्ट किए जो कुल 1 लाख 9 हजार रूपए के है. अब सवाल ये है कि बाकी सब अस्पताल के रिजेक्शन की लिस्ट लंबी है और उनके पेमेंट मिलने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को भी पत्र लिखना पड़ रहा है तो इस अस्पताल पर स्टेट नोडल एजेंसी इतनी महरबान क्यों है ये स्वास्थ्य विभाग के लिए जांच का विषय है. सूत्रों का दावा है कि विभाग से पास हुए अस्पतालों के क्लेम की लिस्ट खुद ही निकालकर जांच कर लेंगे तो उन्हें खुद ही अपने विभाग में चल रहे खेल की पूरी जानकारी मालूम हो जाएगी.