सारंगढ़-बिलाईगढ़. नगर से सटे कोतरी गांव में 132 केवी विद्युत सब स्टेशन है. उसी गांव के आधे हिस्से में तीन दिन से विद्युत व्यवस्था चौपट रहने के कारण करीब 700 ग्रामीण परिवार उमस भरी गर्मी और विकराल जल संकट से जूझने को मजबूर है. गांव की ये स्थिति ‘दीपक तले अंधेरा’ की कहावत को चरितार्थ कर रही है. ग्रामीण महिलाएं और बच्चे अपनी प्यास बुझाने के लिए तालाब और हैंडपंप में जमघट लगाकर पानी के लिए मारामारी कर रहे हैं.

दरअसल, पिछले तीन दिनों से गांव में लगा ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है. जिस कारण आधे गांव में विद्युत आपूर्ति ठप रहने से ब्लैक आउट की स्थिति बनी हुई है. ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना विद्युत मंडल के जेई को देने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी रहने से ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों की मानें तो पिछले तीन दिनों से ट्रांसफार्मर खराबी के कारण आधे गांव में बिजली सप्लाई बंद है. जिस कारण जल सप्लाई ठप रहने से भीषण जलसंकट की स्थिति निर्मित हो गई है.

ग्रामीणों में मारामारी

पानी भरने को लेकर महिलाओं में वाद-विवाद होने के साथ ही मारामारी की स्थिति होने से गांव में आपसी सद्भाव बिगड़ रहा है. विद्युत अव्यवस्था से विद्यार्थियों और ग्रामीणों को काफी समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं अंधेरे में बरसाती कीड़े-मकोड़े किसी को न काट लें इसका भी डर ग्रामीणों में बना हुआ है. बिजली विभाग की उदासीनता और चुने हुए जनप्रतिनिधियो की चुप्पी के कारण ग्रामीण पिछले तीन दिनों से अंधेरे में गुजारा कर रहे हैं.

वही रटा-रटाया जवाब

बहरहाल पूरे मामले को लकेर विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता नरेंद्र नायक से चर्चा की गई. इस दौरान उन्होंने बताया कि सहायक अभियंता को जल्द ही ट्रांसफार्मर की व्यवस्था कर समस्या दूर करने का निर्देश दिया गया है. अब देखना होगा कि कर्मचारी अपने उच्चाधिकारियों का कहा कितना मानते हैं और कब तक ग्रामीणों को अंधेरे से छुटकारा मिलता है ?