कंजक्टिवाइटिस : आमतौर पर कंजंक्टिवाइटिस (conjunctivitis) कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है. हालांकि, कुछ मामलों में उपचार की आवश्यकता होती है. पारंपरिक रूप से ओवर-द-काउंटर आई ड्रॉप बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं, लेकिन यह उन्हें मारता नहीं है. अधिकांश दवाएं दवाओं और रसायनों से बनी होती हैं और उनके विभिन्न दुष्प्रभाव होते हैं. लेकिन होम्योपैथी एक प्राकृतिक रूप से प्राप्त औषधीय विकल्प होने के कारण, इसके दुष्प्रभाव होने की संभावना कम होती है. हालाँकि, यह पहले से जानना उचित है कि होम्योपैथी आपके लिए उपयुक्त है या नहीं. यदि ऐसा होता है, तो दुष्प्रभाव की संभावना कम होती है.
कंजंक्टिवाइटिस के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट मौजूद हैं, जिनका व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है. इनमें एपिस मेलिफिका, आर्सेनिकम, अरजेंटम नाइट्रिकम, बेलाडोना, यूफ्रेशिया और एलियम शामिल हैं. वे हालात को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए विभिन्न तरीकों से कार्य करते है.
आंख आने का होम्योपैथिक दवा
एकोनाइट 30 – यह वतसनाभ से बनी ऐसी दवा है जो होमियोपैथी के सिद्धान्त के अनुसार किसी भी रोग की प्रथमावस्था में इस्तेमाल की जा सकती है. परन्तु अक्सर देखा गया है कि जब रोगी चिकित्सक के पास आता है तब तक इस दवा का प्रयोग का समय समाप्त हो चुका होता है क्योंकि रोगी अक्सर चिकित्सक के पास उसी स्थिति में आते हैं जब रोग अधिक बढ़ चुका होता है. अर्थात वे बेलाडोना के अधिकार में आ चुके होते हैं. एकोनाइट दवा रोग के प्रारंभ में दिया जाता है. वैसे इस रोग की स्थिति में नाड़ी तीव्र रहती है व अन्य उपसर्ग तीव्रता से बढ़ते हैं.
बेलाडोना 30 – बेलाडोना एक ऐसी दवा है जिसके लक्षण में आते ही रोगी चिकित्सक के पास आता है. इस दवा के प्रमुख लक्षण इस प्रकार है. किसी भी रोग की अवस्था इ लाली, दर्द व इस रोग में आंखे लाल, सूजन व पीड़ा, प्रकाश या रोशनी आदि के प्रति तीव्र संवेदनशीलता आदि.
अर्जेण्टम नाइट्रिकम 30, 200 – चांदी धातु को शक्तिकृत करके यह दवा बनाई जाती है. इस रोग में इस दवा का प्रयोग प्रतिषेधक दवा के रूप में भी होता है परन्तु आंखों में कीचड़ आने व आंखों के अन्य उपसर्गो के शमन हेतु यह दवा विशेष हितकारी है. Conjunctivitis रोग में इस दवा का सर्वोपरि स्थान है. आंखों में किरकिराहट की स्थिति में इससे पर्याप्त लाभ होता है.
यूफ्रेशिया 30 – यह आंखों के तमाम रोगो में इस्तेमाल होने वाली एक श्रेष्ठ दवा है. आंखों में आंसू आना, प्रकाश में रोग वृद्धि, आंखों में अग्र भाग में तकलीफ होना आदि पर इसका प्रयोग होता है.
पल्सेटिला 30 – इसके प्रयोग से सूजन कम होने लगती है और पलकों का चिपकना ठीक हो जाता है. नेत्र गोलकों में होने वाली तकलीफ और गर्मी से होने वाला कष्ट कम हो जाता है.
खुराक और सटीक दवा रोगी से रोगी में भिन्न होती है और समस्या की गंभीरता पर निर्भर करती है. इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कंजंक्टिवाइटिस में सिर्फ ये 5 होम्योपैथिक दवाएं ही इस्तेमाल की जा सकती हैं.
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