शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी हर वर्ग के वोटरों को साधने में जुटी हुई है। आदिवासी वोटरों को साधने रानी दुर्गावती गौरव यात्रा निकालने के बाद अब भाजपा ने संत रविदास समरसता यात्रा के रथों को भोपाल से रविवार को रवाना किया, तो वहीं अब इसके जवाब में कांग्रेस भी अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में यात्रा निकालने वाली है। 27 जुलाई को यात्रा को लेकर अनुसूचित जाति विभाग नेताओं के साथ कमलनाथ की बैठक है।
बताया जा रहा है कि 13 अगस्त को सागर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यक्रम के बाद यात्रा प्रारंभ होगी। यात्रा के जरिए कांग्रेस अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों पर उत्पीड़न, बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठाएगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में करीब 17 फ़ीसदी एससी वर्ग के वोटर है, वहीं इसके लिए 35 सीटें आरक्षित है।
यह है सियासी गणित
प्रदेश की करीब आठ करोड़ आबादी में से 15.6 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति वर्ग की है। प्रदेश में 230 सीटों में से 35 सीटें अनूसचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। 2003 और 2013 तक अनुसूचित जाति वर्ग का साथ मिलने पर भाजपा सत्ता में काबिज रही, लेकिन 2018 में इस वर्ग के छिटकने से भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई। इस वर्ष कांग्रेस ने 18 और भाजपा ने 17 सीटें जीती थी। जबकि 2013 में भाजपा के पास 28 सीटें थी।
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