हनुमान जी की खड़ी और बैठी हुई मूर्ति प्राय: सभी मंदिरों में मिलती है, लेकिन सिर के बल खड़े हनुमान जी की प्रतिमा न केवल दुर्लभ बल्कि अप्राप्य ही है. लेकिन इंदौर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर सांवेर गांव में हनुमान जी का अद्भुत मंदिर है. जहां हनुमान जी सिर के बल उल्टे खड़े हैं. इस प्राचीन मंदिर में स्थापित हनुमान जी की उल्टी प्रतिमा विश्व की इकलौती प्रतिमा है, जो लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं.

ऐसी मान्यता है कि सांवेर ही वो जगह थी, जहां से हनुमान जी पाताल लोक में गए थे. पाताल लोक जाते समय हनुमान जी के पैर तो आकाश की तरफ और सिर धरती की तरफ था. इसी वजह से हनुमान जी की उलटे रूप की प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित है. इस मंदिर में हर मंगलवार को हनुमानजी को चोला चढ़ाने की मान्यता है.

दर्शन मात्र से कष्ट दूर होते हैं

हनुमान जी को माता सीता ने अजर-अमर रहने का आशीर्वाद दिया था. कलियुग में वो एकमात्र ऐसे देवता हैं जो सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं. अगर कोई शख्स इस मंदिर में 3 या 5 मंगलवार तक बजंगबली जी के दर्शन करता है तो उसके सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर में भारत के कोने-कोने से लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना करने आते हैं.

पाताल लोक गए थे भगवान

बताया जाता है कि रामायण काल में अहिरावण ने श्रीराम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था. अहिरावण उन्हें बंदी बनाकर अपने पाताल लोक ले गया था. उस समय हनुमानजी ने पाताल लोक जाकर अहिरावण का वध किया और श्रीराम-लक्ष्मण की रक्षा की थी . इलाके में मान्यता प्रचलित है कि ये वही स्थान है, जहां से हनुमानजी ने पाताल लोक में प्रवेश किया था. इसीलिए यहां उलटे हनुमान की मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर में आपको तोतों के झुंड बैठे हुए मिल जाएंगे.

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