अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार. जिले में निर्माणाधीन अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में काम के नाम पर मजदूरों को मौत बांटी जा रही है. ऐसा लग रहा है कि, प्लांट का प्रबंधन के नजर में मजदूरों की जिंदगी कौड़ी बराबर है. क्योंकि हाल ही में हुए हादसे में प्लांट के एक और मजदूर की मौत हो गई है. वहीं प्रबंधन इस मौत को लगातार छुपाता रहा. अब प्रबंधन से जब इस हादसे को लेकर सवाल किया जा रहा है तो जिम्मेदार मुंह छिपाते फिर रहे हैं. कोई भी ढंग से जवाब देने को तैयार नहीं है. ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि, प्रशासन इतने हादसे के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा.

बता दें कि, कार्य के दौरान मजदूर के ऊपर सौ फीट ऊपर से लोहा गिरा है, जिससे उसे गंभीर चोंटे आई है. घटना के बाद उसे बलौदाबाजार के एक निजी नर्सिंग होम ले जाया गया और वहां से रायपुर रिफर कर दिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मजदूर की मौत बलौदाबाजार स्थित हास्पिटल पहुंचने के पहले ही हो गई थी. जिसे दबाने के लिए रायपुर रिफर किया गया, ताकि मामले को आसानी से निपटाया जा सके. अब इसी लापरवाही को लेकर जब प्रबंधन से सवाल किया जा रहा है तो कोई भी जिम्मेदार जवाब नहीं देना चाह रहा. इस बात से ये तो साफ है कि, प्रबंधन के लिए मजदूर के जान की कोई वैल्यू नहीं है.


वहीं जब घटना की जानकारी लेने गए तो पहले तो प्लांट के बाहर रोक दिया गया और घंटों इंतजार के बाद एक प्रबल सिंह नामक अधिकारी से जानकारी दिलाई गई कि घटना हुई है. मजदूर को रायपुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जब उनसे पूछा गया कि, अभी भी मृतक परिवार को क्या मुआवजा दिया जा रहा है, तो इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है. वहीं मीडिया के सामने आए अधिकारी प्रबल सिंह ने कहा कि, मैं मीडिया को जानकारी देने ऑथराइज्ड नहीं हूं. फिर भी प्रबंधन ने कहा तो मैं सामने आया हूं.


सवाल यह उठता है कि, इतने बड़े सीमेंट संयंत्र में मीडिया को जानकारी देने कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं है, जो समझ से परे है. हालांकि, सवाल ये भी उठ रहा कि, प्रबंधन कहीं जानबूझकर तो सामने आने से नहीं बच रहा. फिलहाल देखना अब यह है कि जिले के कलेक्टर और एसपी कंपनी पर क्या कार्रवाई करते हैं.

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