प्रवीण साहू, अभनपुर. एम्स रायपुर के डॉक्टरों की संवेदनहीनता के चलते एक मरीज व्यक्ति ने फांसी लगाकर जान दे दी है. मृतक की 4 बेटियां हैं. पिता के आत्महत्या करने बाद अब उनके भविष्य की चिंता खड़ी हो गई है. वहीं घटना के लिए परिवार एम्स के डॉक्टरों और प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

बता दें कि, थाना गोबरा नवापारा क्षेत्र के ग्राम जौंदा का रहने वाला किशन सालभर पहले पेट दर्द से परेशान था. उसके पेट में मवाद भरा हुआ था, जिसके इलाज के लिए जब वह एम्स रायपुर में भर्ती हुआ तो उस वक्त डॉक्टरों ने मवाद निकालकर उसके पेट में 2 पाइप लगाई थी. साल भर तक ठीक रहने के बाद पिछले कुछ दिनों से उसके पेट में अचानक दर्द शुरू हो गया था. आखिरकार परिजन रविवार को उसे लेकर फिर से एम्स के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे, जहां उसका ब्लड प्रेशर नार्मल निकला, जिसके बाद मौजूद डॉक्टरों द्वारा उसे भर्ती लेना तो दूर उसका इलाज तक नहीं किया. जबकि उस वक्त भी मृतक पेट दर्द से काफी बेहाल था.

बहाने बनाकर कटवाए अस्ताल के चक्कर

एम्स के डॉक्टर मरीज को 2 दिनों तक बहाने बनाकर घुमाते रहे. इस बीच मृतक और उसकी पत्नी बिसाहिन बाई इलाज की उम्मीद में एम्स से कुछ दूरी पर स्थित टाटीबंध के गुरुद्वारा धर्मशाला के एक कमरे में किराए पर रुके रहे. आखिरकार बेतहाशा दर्द से परेशान मृतक ने 24-25 जुलाई की दरमियानी रात धर्मशाला की छत पर मौजूद लोहे के एंगल में अपने गमछे से फांसी का फंदा बनाया और झूल गया. आज सुबह जब मृतक की पत्नी उठी तो कमरे में अपने पति को मौजूद ना पाकर उसकी खोजबीन शुरू की, जिसके बाद मृतक की लाश उसे छत पर फांसी पर लटकती मिली.


एम्स के डॉक्टर मौत के जिम्मेदार

मृतक के शोकाकुल परिजन, घटना के लिए एम्स के डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. मृतक की पत्नी बिसाहिन बाई और मृतक का भाई कृष्णा विश्वकर्मा, मृतक की मौत के लिए साफ तौर पर एम्स प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. दोनों का आरोप है कि, अगर एम्स प्रबंधन ने थोड़ी सी संवेदनशीलता दिखाई होती तो शायद आज मृतक जीवित होता है. जो कुछ उनके साथ हुआ वह किसी और के साथ ना हो.


अंधकार में 4 बेटियों का भविष्य

जानकारी मिली है कि, मृतक रोजी-मजदूरी का काम करता था और पेट दर्द के कारण पिछले डेढ़-दो महीने से काम पर नहीं जा पा रहा था. मृतक की 4 बेटियां हैं, जो कि लगभग 10 वर्ष से लेकर 20 वर्ष तक की हैं. मृतक द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद अब चारों के भविष्य की चिंता मृतक की पत्नी और उसके परिजनों को सताने लगी है. बड़ा सवाल यह है कि इस हृदयविदारक घटना के बाद क्या एम्स प्रबंधन नींद से जागेगा ?

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