संतोष राजपूत,डोंगरगढ़. डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम ठाकुर टोला के ग्रामीणों ने गांव के देवांगन परिवार को तुगलकी फरमान सुना दिया है. ग्रामीणों ने पुलिस थाने में शिकायत करने पर गांव से निकालने की धमकी भी दी है. दरअसल मनीष देवांगन ने अपने पिता के इलाज के लिए अपनी जमीन बेच दी. यह सोचकर की उसके पिता की इलाज में जो पैसे वह लोगों से उधार लिया है उसे चुकाएगा. लेकिन उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि यह सौदा गांव के ग्रामीणों को नागवार गुजरेगा.
पीड़ित मनीष देवांगन ने बताया कि वह अपने पिता के इलाज के दौरान हुए उधार के चुकाने के लिए वह दो महीने पहले संतोष देवांगन नाम के व्यक्ति को गांव से बाहर खुबाटोला स्थित जमीन को बेच दिया था. जिस पर बिक्रीनामा कर 13 जुलाई को रजिस्ट्री करी दी गई. लेकिन मनीष को पता नही था कि संतोष देवांगन द्वारा उस जमीन पर पोल्ट्रीफार्म खोला जाएगा. इस बात की जानकारी ठाकुरटोला के ग्रामीणों को लगते ही ग्रामीणों ने गांव में बैठक लगाकर मनीष और उसके परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया है. और यह भी कहा गया कि इसकी जानकारी या रिपोर्ट पुलिस थाने में लिखाया गया तो गांव से बाहर कर दिया जाएगा.
परिवार से लोगों का मिलना जुलना बंद
मनीष के साथ उसके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और उसकी मां रहती है. जिनको अब जीवन यापन करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उनकी मां की तबियत भी आए दिन खराब रहती है. जो अब इलाज के लिए गांव के डॉक्टर को भी नहीं दिखा पा रहे है. क्योंकि उनके साथ कोई बात नहीं करता है, उनका किसी से मिलना जुलना नहीं हो रहा है. सब उनसे दूर भागते है.
धार्मिक भावना आहत होने की कह रहे हैं बात
ग्रामीणों का कहना है कि मनीष देवांगन ने जो जमीन संतोष देवांगन को बेची है. उसमें वह पोल्ट्री फार्म खुलने वाला है. जिससे गांव में बदबू फैलेगा. जमीन से माता का मंदिर है जहां नवरात्र में धार्मिक कार्यक्रम होते है और यहां प्रतिदिन माता के भक्त आते जाते रहते है. ऐसे में पोल्ट्रीफार्म खुलने से धार्मिक भावना आहत होगी. ग्रामीणों का ये भी कहना है कि मनीष यह पता था कि संतोष इस जमीन में पोल्ट्री फार्म खोलेगा. इसके बावजूद भी उसने जमीन उसको बेचा है.
महिला सरपंच को नहीं है इसकी जानकारी
वहीं जब इस मामले पर हमने गांव के सरपंच तिलोक चन्द्रवंशी से सच्चाई जाननी की कोशिश की. लेकिन उन्होंने कहा कि कम पड़ी लिखी होने से अभी बात नहीं कर पाउंगी. मेरे पति के आने के बाद ही उनसे पूछ कर जानकारी दूंगी. ऐसे में अब देखना यह होगा कि क्या अब पुलिस प्रशासन इनकी कोई मदद करता है या फिर पंचायत द्वारा ऐसे ही तुगलकी फारमान जारी कर प्रताड़ित किया जाता रहेगा.