रायपुर। ज्योतिष शास्त्र में बुधाष्टमी तिथि का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. इन उपायों के करने से धन व सम्मान में वृद्धि होती है और भूत प्रेत व नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति भी मिलती है. सावन और पुरुषोत्तम मास में बुधाष्टमी व्रत का संयोग बनने से इसका महत्व बढ़ गया है. साथ ही इस दिन रवि नामक शुभ योग भी बन रहा है.
बुधाष्टमी के दिन भगवान शिव के भैरव स्वरूप की पूजा करने का विधान है. भगवान शिव के भैरव स्वरूप की पूजा या स्मरण मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं और भूत-प्रेत, पाप दोष, कष्ट दूर जाते हैं. इसलिए शास्त्रों में कलियुग का ब्रह्मास्त्र भैरव देव को कहा गया है.
बुधाष्टमी के दिन एक रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगली से तेल में डुबोकर लाइन खींच दें. इसके बाद उस रोटी को किसी भी दो रंग वाले कुत्ते को खाने को दे दें. अगर कुत्ता रोटी खा लेता है तो इसका मतलब है कि भैरवनाथ की आप पर कृपा है और अगर केवल सूंघकर आगे चला जाता है तो फिर से आप रविवार, बुधवार और गुरुवार के दिन इस उपाय को करें.
बुधाष्टमी के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है. भैरव नाथ की पूजा के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है और व्यक्ति को सौभाग्य और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही व्यक्ति को भैरव नाथ की कृपा से आरोग्य की प्राप्ति होती है.
बुधाष्टमी के दिन उड़द दाल का दान करना चाहिए या फिर आप उड़द दाल के पकौड़े बनवाकर गरीबों व जरूरतमंद को बांट दें. साथ ही कुछ पकौड़े कुत्ते को डाल दें लेकिन फिर उसको पलटकर ना देखें और सीधे चले आएं. ऐसा करने से धन धान्य की कभी कमी नहीं होगी और नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहेंगी.
बुधाष्टमी तिथि पर भैरव नाथ को प्रसन्न करने के लिए सवा किलो जलेबी भैरव नाथ के मंदिर में चढ़ाएं और कुत्तों को भी खिलाएं. भोग लगाने के बाद किसी कोढ़ी या भिखारी को भी प्रसाद बांट दें. ऐसा करने से भैरवनाथ की हमेशा कृपा बनी रहेगी और जीवन में सुख समृद्धि के संयोग बनेंगे और ग्रह नक्षत्र भी अनुकूल रहेंगे.
बुधाष्टमी के दिन सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम उड़द दाल, सवा 11 रुपए और सवा मीटर काला कपड़ा लें और फिर काले कपड़े में इन सभी चीजों को डालकर पोटली बना लें. इसके बाद काल भैरव मंदिर भगवान के दर्शन करते हुए चढ़ा दें. ऐसा करने से शत्रु द्वारा किया गया टोटका, नजर दोष व नकारात्मक चीजों का प्रभाव खत्म हो जाता है नौकरी व व्यापार में उन्नति के योग बनते हैं.