प्रयागराज. ज्ञानवापी ASI सर्वे मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकील कोर्ट में मौजूद हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुनवाई कर रहे हैं. आज ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे पर रोक की मांग की है. मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में दलील रखी जा रही है. मुस्लिम पक्ष के बाद हिंदू पक्ष कोर्ट में दलील रखेगा. दोपहर 2 बजे तक इस मामले में फैसला आ सकता है.
मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में तीन आपत्तियां जताई हैं. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ASI ने मामले में इतनी तेजी क्यों दिखाई? सर्वे से ज्ञानवापी के मूल स्वरूप को नुकसान हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली कोर्ट को कहा था केस सुनने लायक है या नहीं. इससे बढ़कर कोर्ट ने सर्वे कराने का फैसला दिया.
वहीं हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष ने भी अपनी दलील दी. हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि राम जन्मभूमि में ऐसा सर्वे हुआ था. वहां किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. मुस्लिम पक्ष सर्वे से क्यों डर रहा है. सच्चाई सामने आने क्यों नहीं देना चाहते हैं.
मुस्लिम पक्ष के वकील फरमान नकवी ने कहा कि सबूत इकट्ठा कराने के लिए सर्वे नहीं कराते है सबूतों की विश्वसनीयता परखने के लिए सर्वे कराया जाता है. इधर, ज्ञानवापी सर्वे पर मुस्लिम पक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील शिकायत पढ़ रहे हैं. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि साक्ष्य के लिए सर्वे की मांग की गई. मतलब बिना साक्ष्य वाद दायर किया. वास्तव में अभी तक कोई साक्ष्य नहीं है. ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश गलत था.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि हम लोग ज्ञानवापी में खुदाई करने नहीं जा रहे हैं. वहीं चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले में अभी अपील पूरी नहीं हुई. फिर याचिका कैसे दाखिल कर सकते हैं. मुस्लिम पक्ष ने कहा, साक्ष्य जुटाने के लिए हिंदू पक्ष सर्वे चाहता है. साक्ष्य जुटाने के लिए हिंदू पक्ष सर्वे चाहता है. वादियों के पास कोई सबूत नहीं है.
चीफ जस्टिस ने हिंदू पक्ष के वकील से पूछा कि खुदाई करवाना जरूरी है क्या? हिंदू पक्ष ने कहा जरूरी है लेकिन मस्जिद के अंदर नहीं. हम ढांचे में खुदाई नहीं कर रहे हैं. चीफ जस्टिस ने विष्णुशंकर जैन से पूछा, आप ASI को एप्लीकेशन रेफर करने के लिए क्यों बोल रहे हैं. हालांकि आपने ASI को पार्टी तो बनाया नहीं? जैन ने कहा, एक्सपर्ट को कभी भी पार्टी नहीं बनाया जा सकता है. ASI का काम कोर्ट को सलाह देना है.
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