रायपुर. संचार क्रान्ति योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 50 लाख लोगों को उच्च क्वालिटी का निःशुल्क स्मार्ट फोन बांटने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। यह देश में अपने किस्म की पहली योजना है, जिसमें 45 लाख महिलाओं और 5 लाख युवाओं को स्मार्ट मोबाइल फोन दिए जाएंगे। इनका वितरण दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट फोन बांटने का कार्यक्रम इस महीने की 30 तारीख से शुरू होगा और 16 अगस्त तक चलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट फोन का वितरण 17 अगस्त से 22 सितम्बर तक पूर्ण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि इस योजना के जरिए महिलाओं और युवाओं का सशक्तिकरण और आम जनता को मोबाइल कनेक्टिविटी जैसे संचार संसाधनों का लाभ दिलाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा-यह मेरे 14 वर्ष के कार्यकाल में अब तक की सबसे महत्वपूर्ण योजना है। इसके जरिए राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश के हर नागरिक को सूचना सेवा और पारदर्शी सुशासन का अधिकार मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश की पहली ऐसी योजना है, जो महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई है, लेकिन इसका व्यापक लाभ आम जनता को मिलेगा। सीएम ने कहा कि लगभग 1500 मोबाइल टॉवरों की स्थापना से राज्य में मोबाइल फोन के लिए नेटवर्क का व्यापक विस्तार होगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की संस्था छत्तीसगढ़ इन्फोटेक सोसायटी द्वारा स्मार्ट मोबाइल फोन वितरण के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाकर वितरण की तैयारी शुरू कर दी है। योजना में सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 के अंतर्गत शामिल सभी गरीब ग्रामीण परिवारों और शहरी परिवारों की महिलाओं तथा कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों को मोबाइल स्मार्ट फोन का वितरण किया जाएगा। इसमें हर महीने एक जीबी डेटा और 100 कॉलिंग मिनट्स की निःशुल्क सुविधा मिलेगी। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक अपने निकटतम ग्राम पंचायत कार्यालय अथवा जनपद कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि ‘संचार क्रांति’ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं में से एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। प्रदेश के दूरदराज गांवों तक आम जनता को इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी का फायदा दिलाने के लिए इसकी शुरूआत की गई है। स्मार्ट फोन वितरण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक बजट में 566 करोड़ 79 लाख रूपए का प्रावधान किया है। योजना के तहत दिए जाने वाले स्मार्ट फोन में राज्य शासन द्वारा ‘गोठ’ के नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन भी दिया जाएगा, जिसके माध्यम से लोग केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं तथा सूचनाओं को एक क्लिक पर प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि ‘गोठ’ एप्प में महिलाओं, किसानों, बच्चों और युवाओं के लिए विभिन्न विषयों की उपयोगी जानकारी भी शामिल रहेगी।
इसमें खेती-किसानी, कौशल विकास, रोजगार, शिक्षा और स्व-सहायता समूहों से संबंधित योजनाओं का विवरण भी मिलेगा। इसके अलावा ‘गोठ’ एप्प में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति तथा घर-परिवार पर आधारित कार्यक्रम भी देखे जा सकेंगे। इस मोबाइल एप्प में किसानों को मौसम तथा खेती-किसानी से जुड़ी उपयोगी जानकारी भी मिल सकेगी। प्रदेश में डिजिटल लेन-देन को भी बढ़ावा मिलेगा। महिला स्व-सहायता समूहों को इसके जरिए अपने कारोबार के विकास और विस्तार में भी आसानी होगी। इतना ही नहीं, बल्कि आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा 108, महतारी एक्सप्रेस सेवा 102 सहित राशन व्यवस्था से संबंधित टोल-फ्री हेल्पलाइन, पुलिस की हेल्पलाइन आदि का उपयोग भी जरूरतमंद लोग आसानी से कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम मोबाइल उपलब्धता अर्थात 29 प्रतिशत उपलब्धता वाला राज्य है, जबकि हिमाचल, उत्तराखण्ड, सिक्किम और बिहार जैसे राज्य इस मामले में हमसे कहीं आगे हैं। छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसे जिले हैं, जहां मोबाइल कव्हरेज 15 प्रतिशत से भी कम है। जैसे सुकमा जिले में 7 प्रतिशत, बीजापुर जिले में 10 प्रतिशत और नारायणपुर जिले में 13 प्रतिशत मोबाइल कव्हरेज है, जबकि 10 जिलों में 50 प्रतिशत से कम नेटवर्क कव्हरेज है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 29 प्रतिशत परिवारों के पास मोबाइल फोन है, जबकि देश का औसत 72 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि राज्य में कुछ ऐसे भी ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क का कव्हरेज तो ज्यादा है, लेकिन क्रय शक्ति कम होने के कारण अधिकांश परिवारों के पास मोबाइल फोन नही है। जैसे मुंगेली जिले में 75 प्रतिशत मोबाइल नेटवर्क का कव्हरेज है, लेकिन वहां मोबाइल फोन सिर्फ 27 प्रतिशत ग्रामीणों के पास है। इसी तरह जांजगीर-चांपा जिले में मोबाइल नेटवर्क का कव्हरेज 74 प्रतिशत है, लेकिन सिर्फ 33 प्रतिशत ग्रामीणों के पास मोबाइल फोन उपलब्ध है, वहीं रायपुर जिले में 88 प्रतिशत नेटवर्क कव्हरेज के बावजूद 46 प्रतिशत ग्रामीणों के पास मोबाइल फोन है।
सीएम रमन सिंह ने आगे ये भी कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने ‘संचार क्रांति’ के नाम से एक ऐसी योजना बनाई है, जिसके जरिए उन इलाकों में जहां नेटवर्क कव्हरेज नही है, वहां मोबाइल टॉवरों के जरिए उसका विस्तार किया जाए और जहां नेटवर्क कव्हरेज पर्याप्त होने के बावजूद लोगों की क्रय क्षमता कम होने के कारण उन्हें डिजिटल कनेक्टिविटी का लाभ नहीं मिल पा रहा है, वहां उन्हें मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाए। मोबाइल नेटवर्क का विस्तार करने के लिए मई 2019 तक 1500 टॉवर लगवाए जाएंगे, जिससे 17 हजार गांवों को नेटवर्क कव्हरेज मिलेगा और 10 लाख अतिरिक्त परिवारों को 4जी हाईस्पीड इंटरनेट एवं कॉलिंग सुविधा मिलेंगी। उन्होंने कहा-संचार क्रांति योजना के जरिए लोगों को सरकार की हर योजना की जानकारी मिलेगी और सरकार के हर फैसले में जनता भागीदार होगी।