जालंधर. पंजाब राइस मिलर्स वैल्फेयर एसोसिएशन की याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले से पंजाब के सैंकड़ों शैलर मालिकों को बड़ी राहत मिली है।

इस समय पंजाब में लगभग 4000 राइस शैलर सरकारी धान की मिलिंग का काम कर रहे हैं। किसानों से धान की खरीद करने वाली सरकारी एजैंसियों ने पिछले कुछ वर्षों से राइस मिलर्स को रिकवरी नोटिस भेजने शुरू कर रखे थे जिसमें मांग की गई थी कि वर्ष 2003-04 से लेकर वर्ष 2014 तक शैलरों में स्टोर हुए धान की ट्रांसपोर्टेशन के सिलसिले में 3 रुपए प्रति क्विंटल सरकारी खातों में जमा करवाया जाए।

Punjab and Haryana High Court

एसोसिएशन के प्रधान राकेश जैन ने बताया कि इस नादिरशाही फरमान के विरुद्ध उनका संगठन पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में चला गया था जिसने एजैंसियों के विरुद्ध फैसला देते हुए शैलर मालिकों को राहत प्रदान की और रिकवरी को नाजायज ठहराया है।

जैन ने बताया कि फैसले के बाद पंजाब के राइस मिलर्स वर्ष 2022-23 की मिलिंग के बारदाने के यूजर चार्ज तथा चावल और धान की ट्रांसपोर्टेशन के पैसे सरकारी एजैंसियों से ले सकते हैं। इस बाबत एफ.सी.आई. द्वारा फील्ड में पत्र भेज दिए गए हैं।

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