यश खरे,कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले के मिशन चौक का यह वीडियो हैं, जहां पर हुसैन की याद में लोग अंगारों पर चलते और अंगारों को हाथ से उठाते दिखाई दे रहे हैं. या अली या हुसैन के नारों के साथ सभी मुस्लिम समुदाय के लोग देर रात अंगारों से खेलते हुए दिखाई दिए. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

दरअसल मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवासे थे. उनकी शहादत की याद में मोहर्रम के महीने के दसवें दिन को इस्लाम धर्म में मातम के तौर पर मनाया जाता है.

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बता दें कि मातम करते हुए लोग आग के अंगारों को उछाल कर अकीदतमंद इमाम हुसैन पर हुए जुल्म और ज्यादतियों को याद करते हैं. यह सिलसिला पूरी रात चलता है और सुबह ताजियों का जुलूस निकलता है.

आग पर मातम कर के उस तकलीफ का एहसास करने की कोशिश करते हैं, जो इमाम हुसैन सहित उनके पूरे कुनबे ने सहा था. आग पर मातम खत्म होते ही ताज़ियों का जुलूस उठ जाता है, जो 24 घंटे चलता हुए कर्बला तक पहुंचता है और कर्बला में ही ताजियों को सुपुर्दे खाक कर दिया जाता है.

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