भोपाल। राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) ने राज्यवार बाघों के आंकड़े जारी कर दिए हैं। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 785 टाइगर पाए गए हैं। इसी के साथ ही एमपी फिर टाइगर स्टेट बन गया है। पिछली बार 2018 में जब गिनती हुई थी, तब प्रदेश में टाइगर की संख्या 526 थी। इस साल तक 259 टाइगर बढ़े हैं। वहीं कर्नाटक 563 टाइगर के साथ दूसरे स्थान पर और उत्तराखंड 560 टाइगर के साथ तीसरे नंबर पर है।

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सीएम शिवराज ने दी बधाई

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर बधाई दी है। सीएम ने लिखा- अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप, चार वर्षों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। मैं पूरे प्रदेश की जनता को, वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में उनके सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद और बधाई देता हूं। आइए हम सब मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें।

इस उपलब्धि पर वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया ने लल्लूराम की टीम से बात करते हुए कहा कि समय के साथ 1 ओर बाघों का संरक्षण भी चुनौती थी। प्रदेश में बाघ संरक्षण के लिए प्लानिंग के तहत काम हुए। बाघ मित्र, सर्विलांस सेंटर्स, मॉनिटरिंग के नवाचार हुए। वन विभाग के साथ जनता का सामूहिक प्रयास का यह नतीजा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी बाघों की संख्या में इजाफा होगा।

बढ़ते बाघ और घटते जंगलों के प्रश्न पर अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया ने कहा कि इन मामलों पर सरकार निर्णय लेती है।अभ्यारण और नए टाइगर रिजर्व को लेकर भी प्लानिंग हो रही है। बाघों के वन क्षेत्रों को बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में वन विभाग बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में सर्वाधिक बाघों की मौत के आंकड़ों पर कहा, संख्या बढ़ने के साथ मौत के आंकड़े भी बढ़ते हैं। यह सामान्य और स्वाभाविक बात है। कई प्लान पर हम अमल कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में बाघ शिकार के मामले पर वन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा, वन विभाग पूरी तरह सतर्क है। ऐसे मामलों में कमी आई है। प्लानिंग के तहत सख्ती के साथ शिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।

एमपी में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक बाघ

एमपी के खुले जंगलों में 222 बाघ है। वहीं टाइगर रिजर्व एरिया में कुल 563 बाघ मौजूद है। सबसे ज्यादा बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 165 बाघ है। कान्हा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में 129 बाघ, पन्ना टाइगर रिजर्व में 64 बाघ, पेंच टाइगर रिजर्व में 123 बाघ, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 62 बाघ और संजय दुबरी टाइगर रिजर्व 20 बाघ है

चार साल में जारी किए जाते हैं आंकड़े

बता दें कि हर चार साल में देशभर में राज्यवार बाघों की संख्या के आंकड़े जारी किए जाते हैं। इससे पहले साल 2018 में आंकड़े जारी हुए थे, तब MP में 526 बाघ थे। जो देशभर में सबसे ज्यादा संख्या थी। इस बार यह संख्या बढ़कर 785 हो गई है। और टाइगर स्टेट का तमगा फिर मिल गया है।

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सीएम शिवराज ने किया महावतों का सम्मान
बाघ संरक्षण और मॉनिटरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महवतों का सीएम शिवराज ने सम्मान किया है। सीएम ने कान्हा टाइगर रिजर्व की दृष्टिहीन तुलसा का भी सम्मान किया। बता दें कि तुलसा ने वनवासियों की पुनर्वास का मुद्दा उठाया है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा का ट्वीट

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