अभनपुर। ये स्टोरी उन महिलाओं के लिए है जो कुछ करना चाहती हैं. घर की आधी आर्थिक जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर लेकर अपना हाथ बंटाना चाहती हैं. लेकिन उलझने ऐसी की कैसे वो ये सब संभव कर सके. इसी उधेड़ बुन में कई महिलाएं निराश हो जाती है. लेकिन ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं और सरकार की योजनाएं जहां से वे असंभव को संभव बना सकती हैं.
ऐसी ही राजधानी के अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के गोबरानवापारा की गोमती ध्रुव है. जिसने तमाम मुश्किलों को दूर करते हुए एक फैंसी स्टोर्स का शुभारंभ किया. आज उसके फैंसी स्टोर्स से वह खुद को आत्म निर्भर बना चुकी है. खुद का व्यवसाय शुरु करने से पहले गोमती ध्रुव भी बाकी महिलाओं की तरह एक साधार गृहिणी थी. लेकिन परिवार की माली हालत को देखते हुए उसने घर की चार दीवारी से अपना कदम बाहर निकालने का सोचा. उसके सामने भी ऐसी ही सारी मुश्किलें थी कि वह क्या करे और कैसे यह सब संभव हो पाएगा.
गोमती ने छोटे स्तर पर फैंसी स्टोर्स का व्यवसाय प्रारंभ करने कर दिया. लेकिन कम पैसे में उसके द्वारा व्यवसाय शुरु किया गया. जिसकी वजह से वह ज्यादा सामान नहीं खरीद सकी थी. दुकान में सामान कम होने की वजह से उसे ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती थी. इसी बीच उसे अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के स्माल बिजनेस योजना की जानकारी मिली. वह अंत्यावसायी केन्द्र के अधिकारियों से संपर्क की जहां उसे समिति के अधिकारियों ने योजना की सारी जानकारी विस्तार से दी.
जानकारी लेने के बाद गोमती ने लोन के लिए विभाग में आवेदन दे दिया. जहां से उसे फैंसी व्यवसाय के लिए 3 लाख रुपए का लोन प्राप्त हुआ. लोन की राशि से उसने अपने फैंसी स्टोर्स को सुव्यवस्थित करते हुए उसे बेहतर बनाया और क्षेत्र के लोगों की मांग के अनुरूप उसने सारी सामग्रियां अपनी दुकान में रखना शुरु कर दिया. दुकान में सभी तरह की सामग्रियां रखने के बाद उसके व्यवसाय में चमत्कारिक रुप से बढ़ोत्तरी होना शुरु हो गई. आस-पास के सारे लोग उसी की दुकान से सामान खरीदने लगे हैं.
अब वह हर माह 20 से 25 हजार रुपए कमा लेती है. अपनी कमाई से वह हर महीने किस्त की 6 हजार रुपए की राशि भी जमा कर रही है. गोमती अब तक किस्त की 30 हजार की राशि जमा कर चुकी है. गोमती का कहना है कि शासन से मिले इस सहयोग ने उनके जीवन को नई राह दिखाई है. उसका कहना है कि उसके इस काम में उसके पति विनोद कुमार ध्रुव के साथ-साथ दोनों बच्चों का भी भरपूर सहयोग मिलता है. वह इस योजना की जानकारी अब अपने सभी परिचितों को भी देती है ताकि वे भी शासन की योजना का लाभ उठा सकें. आज उसके हिम्मत की वजह से परिवार व समाज के लोग उसे सम्मान की नजरों से देखते हैं.