पुरूषोत्तम पात्र, गरियाबंद। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर पिछले वर्ष से छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने, खेलों के प्रति जागरूकता फैलाने, खिलाड़ियों को मंच प्रदान करने और खेल भावना का विकास करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक शुरू की गई है। इस आयोजन को अभूतपूर्व लोकप्रियता मिली। हर आयु वर्ग के लोग आज खेलों में उत्साह पूर्वक भाग ले रहे हैं।

इस वर्ष चल रही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में भाग लेने को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। पहले चरण में राजीव युवा मितान क्लब स्तर की प्रतियोगिता ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में 17 जुलाई से 22 जुलाई तक आयोजित की गई थी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दूसरे चरण जोन स्तर की शुरूआत 26 जुलाई से हो गई है।

गरियाबंद जिले के ग्राम तर्रा में ज़ोन स्तर का आयोजन किया जा रहा है। तर्रा निवासी डायमंड साहू ने बताया कि मैं छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में पिछले साल भी भाग लिया था। इस बार भी सीजी ओलंपिक को लेकर काफ़ी उत्साह है।

छत्तीसगढ़ शासन की यह पहल सराहनीय है। इससे पारम्परिक खेलों को बढ़ावा मिला है। इसी तरह टोमन तारक ने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन से गांव के प्रतिभाओं को आगे आने का मौक़ा मिला है। इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।

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