नई दिल्ली। अंग्रेजों की जमाने की परंपराओं को खत्म करने की दिशा में भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाया है. नौसेना ने ‘बैटन’ प्रेक्टिस को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है. अब से नौसेना कर्मियों को बैटन का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक नौसेना ने पत्र में कहा गया है कि बैटन थामने के माध्यम से अधिकार का प्रतीकवाद एक औपनिवेशिक विरासत है जो अमृतकाल की परिवर्तित नौसेना में जगह से बाहर है. पत्र में कहा गया कि इसके आलोक में प्रोवोस्ट (अधीक्षक) समेत सभी कर्मियों की ओर से बैटन ले जाना तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए.

नौसेना के निर्देशानुसार, अब प्रत्येक इकाई के संगठन प्रमुख के दफ्तर में एक औपचारिक बैटन उचित तरीके से रखा जाएगा. इसी के साथ नौसेना ने कहा है कि बैटन को औपचारिक रूप से सौंपने का कार्य कार्यालय के भीतर केवल कमांड में बदलाव के एक हिस्से के रूप में किया जा सकता है.

पिछले साल पताका में किया था परिवर्तन

बता दें कि भारतीय नौसेना ने अंग्रेजों के जमाने की परंपराओं को खत्म करने की दिशा में कदम उठाते हुए अपना ध्वज बदल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल भारतीय नौसेना के नए ध्वज या अनावरण किया था, जिसमें औपनिवेशिक अतीत के अवशेषों को हटाते हुए छत्रपति शिवाजी की मुहर से प्रेरित नया ध्वज बनाया है.