जगदलपुर. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुंचे हुए है. जगदलपुर एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रपति का स्वागत किया है. इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद और मुख्यमंत्री रमन सिंह हेलीकॉप्टर से दंतेवाड़ा के लिए रवाना हुए, हालांकि मौसम खराब होने के चलते इन्हें कुछ देर इंतजार करना पड़ा, कुछ देर बाद मौसम कुछ साफ होने पर हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और कुछ देर पहले राष्ट्रपति कोविंद दंतेवाड़ा पहुंच गए हैं. यहां वे दंतेवाड़ा के आदर्श ग्राम हीरानार पहुंचकर एकीकृत कृषि प्रणाली से खेती कर रहे किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों से चर्चा करेंगे. राष्ट्रपति दंतेवाड़ा के वनवासी कल्याण आश्रम स्कूल के बच्चों से चर्चा करेंगे और उनके साथ सादा भोजन करेंगे. कोविंद दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना के बाद जावंगा स्थित अटल बिहारी वाजपेयी एजुकेशन सिटी परिसर में सक्षम स्कूल के दिव्यांग बच्चों और आस्था विद्या मंदिर के बच्चों से चर्चा करेंगे. राष्ट्रपति कोविंद एजुकेशन सिटी में बीपीओ का शुभारंभ करने के बाद चित्रकोट आएंगे. राष्ट्रपति वहां बस्तर का सुप्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात देखेंगे. रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 26 जुलाई को जगदलपुर में सुबह 11 बजे स्वर्गीय बलिराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज के नवनिर्मित अस्पताल भवन का लोकार्पण करने के बाद सभा को सम्बोधित करेंगे.
नक्सल प्रभावित इलाके में राष्ट्रपति के दौरे को लेकर तैयारियां चाक-चौबंद की गई है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है, तो वहीं दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ और आंध्रा-तेलंगाना तक के इंटेलिजेंस को अलर्ट पर रखा गया है. राष्ट्रपति की सुरक्षा में करीब 8 हजार जवानों को तैनात किया गया है. जिसमें जिला पुलिस बल और छत्तीसगढ़ पुलिस बल के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल हैं. राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा 3 आईजी स्तर के अधिकारी संभाल रहे हैं. जबकि 7 DIG और 10 अन्य IPS अफसर राष्ट्रपति की सिक्यूरिटी में तैनात किये गये हैं. ये पहला मौका है जब राष्ट्रपति रात बस्तर में गुजारेंगे. बस्तर आने वाले रामनाथ कोविंद चौथे और दंतेवाड़ा आने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे. बस्तर आने वाले पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे. इनके बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने राष्ट्रपति के रूप में बस्तर का दौरा किया था.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बस्तर दौरे के मायने-
– प्रदेश-देश-दुनिया के सामने बस्तर की बदलती छवि को दिखाने की कोशिश.
– नक्सलवाद के लिए कुख्यात बस्तर की सुंदर छवि दिखाने की कोशिश की गई है. यहीं वजह है कि राष्ट्रपति चित्रकोट जल प्रपात भ्रमण करेंगे और रात्री विश्राम भी वहीं करेंगे.
– ये बताने की कोशिश की गई है कि देश और राज्य की सरकार लोक कल्याणकारी कामों पर ध्यान दे रही है और सभी वर्गों के साथ है. खासकर आदिवासियों के साथ.
– बस्तर में तैनात जवानों को मोटिवेशन भी मिलेगा.
– नक्सलवाद को चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है.
जावंगा में राष्ट्रपति बीपीओ का इनॉगरेशन करेंगे. इस बीपीओ से बस्तर के 500 से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल रहा है. उन्हें पहले ढाई महीने का प्रशिक्षण दिया गया फिर नौकरी पर रखा गया है. यहां काम करने वाले युवा राष्ट्रपति के विजिट से बेहद उत्साहित हैं. इस बीपीओ को कुछ अमेरिकी संस्थानों के भी काम मिल रहे हैं. बैंक ऑफ अमेरिका का प्रोजेक्ट भी मिला है. यहां काम करने वाले युवाओं का मानना है कि ऐसे और संस्थान भी बस्तर में शुरू होने चाहिए. युवाओं का मानना है कि रोजगार मुहैया अगर बस्तर के युवाओं को हुआ तो उनका भटकाव नक्सलवाद की तरफ नहीं होगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां के हीरानार जैविक कृषि और कड़कनाथ मुर्गा पालन परिसर का भी अवलोकन करेंगे. इसके लिए इसे संचालित करने वाली महिला स्वसहायता समूह पूरी तरह तैयार है. पुलिस प्रशासन ने भी तैयारी पूरी कर ली है. खास बात ये भी की कोविंद को यहां ई-रिक्शे से चंपा घुमाएंगी. बता दें कि इससे पहले चंपा ने पीएम मोदी को दंतेवाड़ा दौरे के दौरान ई- रिक्शे से भ्रमण कराया था.