रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के 12 बड़े नेताओं के साथ करीब 20 पदाधिकारियों ने आज मेगा प्रेस कान्फ्रेंस कर मोदी और रमन सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. इन आरोपोें में जहां रक्षा सौदा जैसे बड़े घोटाले का आरोप था, वहीं आरोप रमन सरकार पर टाटा स्टील से हुए समझौते को लेकर भी था. दरअसल इस प्रेस-कान्फ्रेंस के जरिए कांग्रेस ने जहां पार्टी के भीतर बड़े नेताओं में एकता के संदेश दिए वहीं यह भी बता दिया कि अब वे विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर तैयार हैं.
क्योंकि प्रेस-कान्फ्रेंस तो पहले भी कांग्रेस करती रही है, लेकिन एक साथ कभी 12 बड़े नेता नहीं दिखें. प्रेसवार्ता लेने वाले नेताओं में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, मो. अकबर, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पीसीसी कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके, डॉ. शिवकुमार डहरिया के साथ आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, आदिवासी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत भगत के साथ प्रदेश उपाध्य करुणा शुक्ला, पीआर खूंटे, विधायक अरुण वोरा, गुरमुख सिंह होरा, पूर्व विधायक रूद्र गुरु जैसै दिग्गज नेता मौजूद थे.
कांग्रेस के सभी नेताओं ने मोदी सरकार को रक्षा सौदे के मामले को लेकर जमकर घेरा. नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि राफेल विमान कंपनी सौदे में 12 हजार 6 सौ 36 करोड़ रूपए का अंतर मिला है. इसे खरीदते समय नियमों का पालन नहीं किया गया है. अनुभवहीन कंपनी के साथ समझौता करते हुए 36 हजार करोड़ रुपए का सौदा एक निजी कंपनी के साथ कर लिया गया. और सौदे के 35 महीने गुजर जाने के बाद भी विमान नहीं मिल सका है. उन्होंने कहा कि विमान खरीदी में पारदर्शिता नहीं रखी गई है.
पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील के तहत 26 विमान फ्रांस से आने थे. बाकी के विमान हिंदुस्तान में बनने थे, लेकिन मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया. उन्होंने ये भी कहा कि रमन सिंह ने जब टाटा से समझौता किया था तब शर्त रखा गया था कि जानकारी सर्वजनिक नहीं किया जाएगा. अब वहीं काम नरेंद्र मोदी ने रक्षा सौदा को लेकर किया है.
पत्रकारों ने यह भी सवाल किया कि रक्षा सौदा का मुद्दा तो राष्ट्रीय स्तर का फिर से प्रदेश स्तर पर क्यों उठाया जा रहा है. पत्रकारों के इस सवाल के जवाब में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि यह देशहित से जुड़ा मुद्दा है. देश की रक्षा से जुड़ा मसला जन हित से जुड़ा होता है. छत्तीसगढ़ के जनता की कमाई का पैसा इस खरीदी में लगा है. ऐसे में मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए.