नेहा केशरवानी, रायपुर. BJP प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने वर्षों से लंबित 12 जनजाति समूह को उनका संवैधानिक अधिकार दिया है. मुख्यमंत्री झूठे श्रेय लेने का प्रयास कर रहे. 12 जनजाति अपने अधिकार से वंछित रही तो इसका कारण कांग्रेस थी.

साव ने कहा, 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2016 में इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी, इनके अधिकार पाने का प्रक्रिया शुरू हुआ. लोकसभा में कांग्रेस ने व्यवधान डाला, जिसके कारण यह विधेयक 21 दिसबर 2022 को पारित हुआ. 25 जुलाई 2023 को राज्यसभा में पारित हुआ, विलम्ब का दोषी कांग्रेस है. पहले लोकसभा में चलने नहीं दिया फिर राज्यसभा में नहीं चलने दिया. राज्यसभा में जब पारित हुआ तो छत्तीसगढ़ के कोटे के सांसद वहां मौजूद नहीं थे. श्रेय लेने भूपेश बघेल कूद पड़ते हैं. राज्यसभा में पारित होने से अब शिक्षा, रोजगार, सरकारी योजनाओं में लाभ मिल सकेगा.

अरुण साव ने कहा, पंचायत से लेकर आगे सभी चुनाव में भाग ले सकेंगे. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह हुआ. कांग्रेस ने आदिवासी समाज को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया. आदिवासी समाज के युवाओं के रोजगार को छीना. आदिवासी के हितों के विपरीत काम करने वाले लोग हैं.

पूर्व मंत्री गागड़ा ने सीएम को लिखा पत्र

राज्यसभा में 12 जनजाति संशोधन विधेयक पारित होने पर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. पत्र में सीएम द्वारा दिए बयान का आधार पूछा है. गागड़ा का आरोप है कि कांग्रेस ने इस विधेयक का बहिर्गमन किया था.
मोदी कैबिनेट में इस 12 जनजातियों का प्रस्ताव पास किया गया है. मुख्यमंत्री श्रेय बटोरने की कोशिश कर रहे.