न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। आदिवासी बाहुल्य जिले अनूपपुर में बरसात के मौसम में आदिवसियो के सबसे लोकप्रिय जंगली फल-फूल कहे जाने वाला पिहरी खाने की लोगों में  होड़ मची रहती है। लोग बड़े ही चाव से पिहरी का सेवन करते है, हालांकि यही पिहरी एक परिवार के लोगो के लिए मुसीबत का शबब साबित हुई। पिहरी खाने से एक ही परिवार के पांच लोग फ़ूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए ,जो अब अस्पताल में भर्ती है। 

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जिले के वेंकटनगर लहसुना के रहने वाले  रामबली सिंह ने बताया कि उसके भाई आनंद राम भैना और उसकी पत्नी राजकुमारी दोनों ही खेत में काम करने के लिए गए थे, जहां बांस के पेड़ के पास में जंगली पीहरी मिला जिससे घर लाकर खाने के लिए बनाया गया। उसी के खाने से भाई आनंद राम एवं उसकी पत्नी राजकुमारी एवं उसके तीन बेटियां प्रतिज्ञा, साक्षी और  समृद्धि  की हालत बिगड़ गई। जिन्हें लगातार उल्टी होने पर 108 की मदद से वेंकटनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां हालत गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जहां सभी लोगों का इलाज चल रहा हैं।

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बता दें कि आदिवासी इलाकों में बरसात के मौसम में आकाशीय बिजली के गर्जन से उत्पन्न होने वाली जंगली फूल पिहरी को लोग बहुत पसंद करते है , शायद यही कारण है कि लोग इसका बड़े ही चाव से सेवन करते है। ये मार्केट में 4 सौ रुपए किलों से अधिक दाम पर मिलती है। जिसे रोज कमाने खाने वाले लोग खरीद कर कमहि खा पाते है, इसलिए इसे जंगल से लाकर इसका सेवन करते है। वैसे तो ये जंगली फूल पिहरी में अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है, ये प्रोटीन का स्रोत माना जाता है ,लेकिन यही पिहरी एक परिवार के लिए मुसीबत का शबब बन गया। वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टर गणेश प्रजापति का कहना है कि पिहरी खाने से फ़ूड प्वाइजनिंग होने से एक हीँ परिवार 5 लोग शिकार हुए है, जिनका उपचार जारी है।

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