नई दिल्ली . राजधानी में डेंगू का खतरनाक स्ट्रेन पैर पसार रहा है, लेकिन अभी स्थिति गंभीर नहीं है. दिल्ली में जांच के दौरान डेंगू के डेन-2 स्ट्रेन संक्रमण की पुष्टि हुई है.
2021 के बाद एक बार फिर दिल्ली में डेंगू का खतरनाक स्ट्रेन माना जाने वाला डेन-टू का संक्रमण पाया गया है. दिल्ली सरकार द्वारा कराई गई जांच में यह खुलासा हुआ है. डॉक्टरों का मानना है कि देश में अब तक डेंगू के चार स्ट्रेन मिले हैं, उनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक यही स्ट्रेन होता है. इस स्ट्रेन में हेमरेजिक फीवर और ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा रहता है. इसमें मरीज बेहोशी की स्थिति में चला जाता है. लेकिन साथ में एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि यह समस्या सबको नहीं होती है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. 2021 में भी यही स्ट्रेन था. जरूरत यह है कि लोग बचाव पर ज्यादा ध्यान दें और मच्छर पनपने न दें.
डेंगू के चार अलग-अलग स्ट्रेन में दूसरा स्ट्रेन खतरनाक बताया जाता है. विशेषज्ञों की मानें तो लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. उत्तर भारत में डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन का मिलना सामान्य है. हालांकि डेन-2 के दौरान हेमरेजिक बुखार आना खतरनाक है.
प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू नहीं
डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू नहीं होता. इसके लिए एनएस1 एंटीजन टेस्ट करना जरूरी है. अगर इसमें डेंगू की पुष्टि हो तो चिकित्सीय देखरेख में उपचार कराएं. अक्सर लोग डेंगू के सीजन में बुखार होने पर प्लेटलेट्स की जांच कराने लगते हैं. हर बुखार में सामान्य तौर पर प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं. दस हजार प्लेटलेट्स रह जाने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है.
पहले हुआ तो सावधान रहें
डॉ. जुगल किशोर ने यह भी बताया कि जिन लोगों को दो-तीन वर्ष पहले डेंगू हुआ है. उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके अलावा जिन लोगों को दो-तीन बार पहले डेंगू हो चुका है उन्हें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसे लोगों में संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पहले से बनी होती है.
हेमरेजिक बुखार खतरनाक
हेमरेजिक बुखार होने पर यह खतरनाक हो जाता है. इसमें प्लेटलेट्स कम होने पर शरीर के अंगों के अंदरुनी और बाहरी हिस्सों में रक्तस्राव होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है. पेट में दर्द बढ़ जाता है. नाक, मसूड़ों, उल्टी और मल के रास्ते खून आने लगता है. त्वचा के नीचे के हिस्से में चकत्ते बन जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन काफी खतरनाक है. मरीज शॉक सिंड्रोम की स्थिति में चला जाता है. रक्तचाप एकदम कम होने लगता है.
चिकनगुनिया से मिलते जुलते होते हैं लक्षण
सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं. इसमें डेन-1 और डेन-3 हल्के लक्षणों वाला होता है, जबकि डेन-2 गंभीर होता है. डेन-4 दक्षिण भारत के हिस्सों में मिलता है. दिल्ली में डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन देखने को मिल रहा है. इसमें मरीज को सामान्य तौर पर बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों के नीचे दर्द, सिर में तेज दर्ज होने, खुजली, मांसपेशियों में दर्द के लक्षण देखने को मिलते हैं. कुछ हद तक यह चिकनगुनिया जैसा लगता है.
बारिश के बाद जगह-जगह पानी जमा होने की वजह से मच्छरों की ब्रीडिंग काफी हो रही है. इसके कारण डेंगू के साथ-साथ मलेरिया के मामलों में भी तेजी देखी जा रही है. सोमवार को एमसीडी की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार कुल 243 मामलों में से जुलाई में 121 (28 जुलाई तक), जून में 40, मई में 23, अप्रैल में 18, मार्च में 13, जबकि फरवरी और जनवरी में 14-14 मामले आए हैं. इस साल आए कुल 243 में से 121 मामले जुलाई में हैं. यानी डेंगू के कुल मामलों में आधे केवल इन 28 दिनों में आए हैं.