रायपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने दो दिवसीय दौरे पर बस्तर में हैं. राष्ट्रपति आज जगदलपुर से संचार क्रांति योजना का शुभारंभ किए. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और डॉ रमन सिंह के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सक्षम नेतृत्व के अभाव में इस क्षेत्र की जनता विकास से कोसो दूर हो जाता रहा है. इसके बाद भी हमारी सरकार को कोसा जाता है. विरोधी ये प्रयास करते हैं कि इसके लिए डॉ. रमन सिंह पर दोष डाल दिया जाए.

उन्होंने कहा कि सरकार ने तेंदूपत्ता के संग्रहण की राशि बढ़ाते हुए ढाई हजार रुपए कर दिया. उन्होंने कहा कि बस्तर और बस्तरियों का सदियों से जो शोषण होता रहा है उससे मुक्त करना मेरी जिम्मेदारी है ये कहते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बस्तर विकास प्राधिकरण के गठन करते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने बस्तर में नक्सलवाद पर हमला बोलते हुए कहा कि बस्तर में वामपंथ के प्रभाव को पैदा करने की कोशिश की गई.  वामपंथी क्षेत्र बताकर बस्तर को प्रेजेंट करने वालों को मैं चुनौती देता हूं कि बस्तर आकर यहां के विकास को देखे. मेडिकल क्षेत्र में किये गए काम को देखे. बस्तर आकर देखे ये आंख खोलने वाला साबित होगा. यहां तैयार होने वाले डॉक्टर प्रदेश और देश की जरूरत पूरी करेंगे.

बस्तर का सपना डॉ रमन ने किया साकार

इस दौरान बस्तर के ब्लैक डायमंड कहलाने वाले पूर्व सांसद बलीराम कश्यप के कार्यों की याद ताजा करते हुए उनके पुत्र और वर्तमान सांसद दिनेश कश्यप ने कहा कि शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए मेरे पिता 40 साल तक संघर्ष करते रहे. रमन सरकार आने के बाद योजनाएं बनाई गई.
उन्होंने कहा कि आज बस्तर विश्व के मानचित्र पर बस्तर की पहचान बनी है. एक समय कंद मूल खाकर जीवनयापन करते थे बस्तर के आदिवासी लेकिन रमन सरकार ने चावल देने की योजना बनाई. बस्तर में सड़कों का जाल बिछाया गया. हम सोचते थे बस्तर के आदिवासी बच्चे डॉक्टर बने, इंजीनियर बने अब जाकर ये सपना साकार हो रहा है.