violence in manipur : मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. कई लोगों के शव इंफाल और चुराचांदपुर के अस्पतालों की मॉर्च्युरी में रखे हुए हैं. वहीं आज बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में हिंसा फिर भड़की है. कुछ प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों के बीच झड़प होने से 17 लोग घायल हो गए हैं. हालात पर काबू करने के लिए सेना और आरएएफ के जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिष्णुपुर में मैतेई समुदाय की महिलाओं ने बफर जोन को पार करने का प्रयास किया. असम राइफल्स ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस पर महिलाएं सुरक्षाबलों पर पथराव करने लगी. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े. झड़प के बाद इंफाल और पश्चिमी इंफाल में कर्फ्यू में दी गई ढील वापस ले ली गई है.
उधर, मणिपुर (Manipur) हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी दलों का संसद में हंगामा जारी है. गुरुवार को भी विपक्षी दलों ने संसद में जमकर हंगामा और नारेबाजी की. हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा.
इस मामले में गुरुवार तड़के मणिपुर हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया. हाईकोर्ट ने प्रस्तावित भूमि के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. इस भूमि पर हिंसा में मारे गए कुकी समुदाय के सदस्यों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाया जाना था. हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से पहले से ही अस्थिर कानून और व्यवस्था की स्थिति फिर बिगड़ सकती है.
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