Niger and third world war in African countries: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अफ्रीकी देश नाइजर में भीषण युद्ध छिड़ गया है. अब रूस-यूक्रेन से भी बड़े युद्ध की आशंका नाइजर और अफ्रीकी देशों में बढ़ गई है. दरअसल, नाइजर की सेना ने अपने देश में तख्तापलट कर दिया है और राष्ट्रपति को नजरबंद कर दिया है.

इससे नाराज होकर अफ्रीकी देशों ने नाइजर की सेना से एक हफ्ते के भीतर राष्ट्रपति को बहाल करने या युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा था. 1 हफ्ता होने को है, लेकिन नाइजर की सेना ने ऐसा नहीं किया. इसके साथ ही नाइजर सैन्य शासन और नागरिक समाज समूहों ने मिलकर अफ्रीकी देशों के साथ एक बड़ा युद्ध लड़ने की तैयारी की घोषणा की है. इससे तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका बढ़ गई है.

नाइजर की सत्तारूढ़ सेना और नागरिक समाज समूहों ने देशवासियों से विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ और देश की आजादी के लिए गुरुवार को राजधानी में एकजुट होने का आह्वान किया है.

नागरिक समाज समूह ‘एम62’ के अंतरिम समन्वयक ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया, ”हम सभी विदेशी ताकतों की तत्काल वापसी के बारे में बात कर रहे हैं. ” हम देश की संप्रभुता के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए सभी खतरों के खिलाफ एकजुट होंगे.

नाइजर के लोगों की गरिमा का बिना किसी अपवाद के सभी द्वारा सम्मान किया जाएगा. यह आह्वान सैन्य और नागरिक समाज समूहों द्वारा 3 अगस्त को किया गया था.

आज ही के दिन 63 साल पहले फ्रांस से मिली थी आजादी

यह वही तारीख है जब नाइजर ने 1960 में अपने पूर्व औपनिवेशिक शासक फ्रांस से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी. नियामी में बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है.

पश्चिमी देशों ने नाइजर में तख्तापलट की कड़ी निंदा की है. कई पश्चिमी देश अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े जिहादियों से लड़ने के प्रयासों में नाइजर को अपने अंतिम विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखते हैं.

नाइजर में फ्रांस के 1,500 सैनिक हैं जो अपनी सेना के साथ संयुक्त अभियान चलाते हैं और अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों ने नाइजर के सैनिकों को प्रशिक्षित करने में मदद की है.

नये सैन्य जनरल ने तख्तापलट कर दिया

नाइजर में सरकार को उखाड़ फेंकने वाले देश के नए सैन्य शासक जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने पड़ोसी देशों को अपने देश में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी और देशवासियों से देश की रक्षा के लिए तैयार रहने की अपील की.

बुधवार रात टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में त्चियानी ने अन्य देशों को हस्तक्षेप न करने और तख्तापलट के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करने की चेतावनी दी.

त्चियानी ने कहा कि नाइजर को भविष्य में कठिन समय का सामना करना पड़ेगा और उनके शासन का विरोध करने वालों के “शत्रुतापूर्ण और कट्टर” रवैये से देश को कोई फायदा नहीं होगा.

नाइजर की सेना ने की घोषणा

नाइजर के जनरल ने पिछले सप्ताह पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएस) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को अवैध, अनुचित, अमानवीय और अप्रत्याशित बताया था. ईसीओडब्ल्यूएस ने यह भी धमकी दी है कि अगर अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम, जो कि घर में नजरबंद हैं, को 6 अगस्त तक रिहा नहीं किया गया और बहाल नहीं किया गया तो बल प्रयोग किया जाएगा.

त्चियानी ने कहा, “हम नाइजर के लोगों से एकजुट होने और उन सभी को हराने का आह्वान करते हैं जो हमारे देश को अस्थिर करना चाहते हैं और हमारे मेहनती देशवासियों को अकथनीय पीड़ा पहुंचाना चाहते हैं.”

उन्होंने नाइजर के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को अपदस्थ करने के बाद चुनाव कराकर सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए स्थितियां बनाने का भी वादा किया. त्चियानी का बयान ऐसे वक्त आया है जब नाइजर में तख्तापलट के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है.

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