पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. लोकतंत्र के महापर्व यानी चुनाव की तैयारी प्रशासन बड़ी मजबूती से करने में जुटा है. साल के अंत में नवंबर- दिसबंर में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसकी समुचित व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का अहम रोल रहेगा. इस बार सामन्य बूथों की संख्या में इजाफा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. इन बूथों में अहम बूथ अंदरूनी इलाकों के हैं. जहां इससे पहले मतदान प्रकिया पूरी कराने में एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता था. तकरीबन तीस साल बाद एक ऐसे ही बूथ पर प्रशासन की नजर है.

ये बूथ बेहद चर्चित है. इस अति संवेदनशील बूथ में तीन दशक तक मतदाता मताधिकार का प्रयोग ही नहीं कर पाए हैं. यहां जनताना सरकार का बोलबाला रहा है. लालगलियारे के इसी मिथक को तोड़ने का प्रयास एक बार फिर पुलिस प्रशासन कर रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में नीलावाया में तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार और एसपी अभिषेक पल्लव ने चुनाव कराने का प्रयास किया. तीस साल बाद लोकतंत्र की बहाली का कवरेज करने जा रही दूरदर्शन की टीम पर माओवादियों ने तबाड़तोड़ गोलियां बारसाई थी. इस माओवादी हमले में दो पुलिस कर्मी सहित दूरदर्शन का कैमरामैन शहीद हो गया था. इसमें एक एसआई रैंक का अधिकारी भी शामिल था. इन शहादतों के बाद भी यहां वोट पड़े थे. भले ही मतदानों की संख्या 6 थी. प्रशासन इसी नीलावाया में भरपूर मतदान कराने के प्रयास में है. पुलिस कप्तान का कहना है कि अतिसंवेदनशील क्षेत्रों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी. सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहेगी. शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराना ही लक्ष्य है.

स्थिति सामान्य करना है प्राथमिकता

अधिकारियों का कहना है कि लाल गलियारों का मिथक तोड़ा जाएगा. जनताना सरकार की कमर टूट रही है. 157 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र से घटाकर संवेदनशील और सामान्य की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जा रहा है. पुलिस प्रशासन इन मतदान केंद्रों की भौगोलिक परिस्थतियों का बारीकी से अध्ययन कर रही है. पुलिस अधिकारी बिना कजुएल्टी के चुनाव कराने के ब्लू प्रिंट पर काम कर रहे हैं. एसपी ने चुनाव को लेकर सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं. अतिसंवेदनशील से संवेदनशील और सामन्य में लाना ही प्रथम प्राथमिकता है.

पहली बार वोट करने वाले युवाओं में उत्साह

लगभग तीन हजार से ज्यादा वोट युवाओं के बढ़े हैं. इन युवाओं में मतदान को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. कलक्ट्रेट में मतदान कराने का डेमो कराया जा रहा है. अंदरूनी इलाकों के युवाओं को जिला प्रशासन की टीम बुलाकर मतदान करना सिखा रही है. उत्साह से ओतप्रोत युवाओं का कहना है कि वोट डालना पहली बार बेहद सुखद होगा. लोकतंत्र के महान पर्व के अब वे भी भागीदार हो चुके हैं.

ये है दंतेवाड़ा विधानसभा की रूपरेखा

यह विधानसभा क्रमांक 88 है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या दो लाख 83 हजार 479 है. मौजूदा वक्त में अनुमानित जनसंख्या तीन लाख 22 हजार 860 है. कुल मतदाता एक लाख 78 हजार 38 हैं. महिला मतदाताओं की संख्या 94 हजार 6 है और पुरुष 84 हजार 32 है. जबकि युवा मतदाताओं की संख्या 2 हजार 925 है. वहीं जिले में थर्ड जेंडर मतदाता नहीं हैं. जिले में कुल 273 मतदान केंद्रों में 34 सामान्य, 82 संवेदनशील और 157 मतदान केंद्रों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है. 2018 विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतियशत 60.62 रहा था. उपचुनाव में 60.59 रहा. जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 56.67 था.

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