नई दिल्ली. केंद्र ने सब्सिडी के भुगतान से संबंधित एक प्रस्ताव को बदलकर शहर में दो डिस्कॉम को कथित रूप से “अनुचित लाभ” प्रदान करने के लिए दिल्ली के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्य गोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

आरोप है कि सत्यगोपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मंजूरी के बाद भी कैबिनेट प्रस्ताव बदलकर बिजली कंपनियों को 1149 करोड़ रुपये से अधिक का अनुचित लाभ पहुंचाया, जबकि यह पैसा सरकारी बिजली कंपनियों को देना था. उन्हें 15 दिन में जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है.

सरकारी कंपनयिों पर था बकाया केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, यह मामला वित्तीय वर्ष 2021-22 का है. निजी बिजली कंपनी बीआरपीएल और बीवाईपीएल पर सरकारी बिजली ट्रांसमिशन कंपनियों आईजीपीसीएल, पीपीसीएल और डीटीएल का 16 हजार 887 करोड़ रुपये बकाया था.

दिल्ली सरकार के ऊर्जा विभाग ने प्रस्ताव बनाया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले तिमाही में सरकार की तरफ से बिजली सब्सिडी का जो पैसा बिजली कंपनी को जाता है, वह सीधे सरकारी बिजली ट्रांसमिशन कंपनियों आईजीपीसीएल, पीपीसीएल और डीटीएल को दिया जाए, जिससे निजी बिजली आपूर्ति कंपनियों से बकाया वसूला जा सके.

मुख्यमंत्री ने दे दी थी मंजूरी वित्त विभाग ने बिजली आपूर्ति कंपनियों पर इस भारी बकाया राशि (16,887 करोड़ रुपये) को देखते हुए ऊर्जा विभाग की ओर से कैबिनेट के लिए बनाए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी 13 मई 2021 को ऊर्जा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहली तिमाही की 100 फीसदी सब्सिडी का पैसा बिजली ट्रांसमिशन कंपनियों को किया जाए, जिससे 16 हजार 887 करोड़ रुपये जो कि 31 मार्च 2021 तक निजी बिजली कंपनियों पर बकाया है उसे वसूला जा सके.

उल्लंघन कर दूसरा प्रस्ताव पेश किया नोटिस के मुताबिक, तत्कालीन पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) सत्यगोपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फैसले का उल्लंघन करते हुए कैबिनेट के सामने दूसरा प्रस्ताव पेश किया, जिसमें 2021-22 के पहली तिमाही के सब्सिडी का 50 फीसदी पैसा निजी बिजली कंपनियों को देने की बात कही. यही नहीं उन्होंने अगले तिमाही के लिए यह प्रस्ताव रखा. नतीजतन, उस वित्तीय वर्ष में निजी बिजली कंपनियों को 1149.04 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाया.

अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने सत्यगोपाल के इस फैसले को अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाही, पूर्ण अखंडत साबित करने में फेल पाया है. इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी करके पूछा है क्यों नहीं आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

पंजाब सरकार में रेरा चेयरमैन हैं सत्यगोपाल

सत्यगोपाल वर्तमान में पंजाब में रियल स्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के चेयरमैन हैं. बीते साल दिल्ली सरकार से सेवानिवृत्त होने के बाद जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें दिसंबर 2022 में पंजाब रेरा का चेयरमैन बनाया गया. उन्हें आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली सरकार के बेहद करीबी माना जाता है. वह दिल्ली सरकार में प्रधान सचिव गृह भी रहे.