नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस अब अपराध पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का सहारा लेगी. सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिन जगहों पर सीसीटीवी नहीं लग पाए हैं, वहां सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं.
इसके साथ ही सभी कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जा रहा है. अब ऑनस्क्रीन विश्लेषण से एआई के जरिये अपराध और अपराधियों की जानकारी जुटाई जाएगी. सेफसिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रही इस कवायद में स्थाई कंट्रोल रूम के अलावा दो मोबाइल कमांड और कंट्रोल सेंटर वाहन की भी तैनाती की जा रही है. 182 पुलिस स्टेशन और 3851 स्थानों को मल्टी प्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग और इंटरनेट बैंडविथ से लैस किया जा रहा है. मॉनिटरिंग पुलिस कंट्रोल रूम में स्क्रीन लगाकर की जाएगी, इसलिए इसके हिसाब से पुलिसिंग करना भी आसान हो जाएगा.
पुलिस की कार्रवाई दिल्ली पुलिस स्ट्रीट क्राइम पर लगाम लगाने के लिए राजधानी के विभिन्न इलाकों में स्थित अपराधग्रस्त इलाकों के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर पिकेट लगाकर संदिग्धों की धर-पकड़ कर रही है. इसके साथ ही इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज की औसतन हर सप्ताह मॉनिटरिंग से संदिग्धों पर नजर रख रही है. दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय बदमाशों और उनके गिरोह की धर-पकड़ तेज कर दी गई है.
दिल्ली पुलिस एनसीआर से डाटा का आदान-प्रदान करेगी
कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ने से पुलिस के पास एक ऐसा डेटा मौजूद होगा, जिसके जरिये एआई आधारित एक विश्लेणात्मक निष्कर्ष निकालना आसान हो जाएगा और अपराध और अपराधियों के हिसाब से पुलिसिंग पर जोर दिया जाएगा. इसके लिए दिल्ली पुलिस एनसीआर से भी डाटा का आदान-प्रदान की दिशा में काम कर रही है. इस योजना के तहत अपने-अपने इलाके में अपराध के तरीकों का विश्लेषण कर इससे जुड़े ब्लैक स्पॉट और अपराध को अंजाम देने के समय की जानकारी दिल्ली-एनसीआर की पुलिस आपस में साझा करेगी. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किए जाने वाले सर्वे भी पूरी तरह से सॉफ्टवेयर पर आधारित होंगे.