अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अब व्यवस्था लागू होगी। नई व्यवस्था के तहत प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में अब हर दो साल में एचओडी (HOD) बदलेंगे, यानी अब एचओडी (विभागाध्यक्ष) का कार्यकाल एक संस्थान में मात्र दो साल का होगा। वर्तमान में कार्यरत विभागों के HOD नियुक्ति की तारीख से 2 साल तक काम कर सकेंगे। डिपार्टमेंट के एचओडी का प्रभार रोटेशन वाइज बदला जाएगा। नॉन मेडिकल पर्सन की पहले नियमों के अनुसार नियुक्ति नहीं हो सकेगी।
बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर सुसाइड और HOD पर प्रताड़ना के आरोपों के बाद शासन यह नई व्यवस्था लागू कर रही है। इस संबंध में शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संशोधित आदेश जारी कर दिया है।
हाल ही में गांधी मेडिकल कॉलेज से गायनोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट में पीजी कर रही छात्रा सरस्वती बाला ने सुसाइड कर लिया था। सरस्वती के परिजनों ने कॉलेज की तीन महिला शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके साथ ही ताने मारने और 36 घंटे तक काम कराने के भी आरोपों का जिक्र किया था। जूनियर डॉक्टर द्वारा आत्महत्या और उच्च अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप के बाद कॉलेज के डीन को पद से हटाया दिया गया था। सरस्वती के सुसाइड नोट में महिला चिकित्सकों द्वारा दी जाने वाली प्रताड़ना का भी जिक्र किया गया था। बाला सरस्वती के आत्महत्या करने के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने काम बंद कर अपनी कई मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे।
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