नई दिल्ली . उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों के एक मामले में उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने छह लोगों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. इस घटना में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. वहीं, आंबेडकर प्रतिमा के अपमान मामले में भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है.

राजनिवास के मुताबिक, 24 फरवरी 2020 को मुस्तफाबाद में हुई घटना में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बीच हुए दंगों के पीछे गहरी साजिश का खुलासा हुआ है. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने की आड़ में गहरी साजिश रची गई, जिसके चलते दंगे हुए. राजनिवास के मुताबिक, 24 फरवरी 2020 को हुई घटना में मुस्तफाबाद निवासी 25 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी. इस मामले में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की उप राज्यपाल ने मंजूरी दी है.

जानकारी के मुताबिक, छह आरोपियों ने खुलासा किया है कि वे दंगों में शामिल थे और एक फर्म के कार्यालय में अन्य दंगाइयों के साथ घुसकर उसे लूट लिया था. मुख्य वजीराबाद रोड स्थित कंपनी के छत पर ही युवक को गोली लगी थी. मामले की जांच अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी गई, जिसने गवाहों से पूछताछ और वायरल वीडियो आदि का विश्लेषण किया था.

आंबेडकर प्रतिमा के अपमान मामले में भी चलेगा केस वहीं, आंबेडकर प्रतिमा के अपमान मामले में भी मुकदमा चलाने को मंजूरी दी गई है. जानकारी के मुताबिक, 30 अगस्त 2022 को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के न्यू प्रियंका कैंप मदनपुर खादर के निगम पार्क में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के अपमान का मामला सामने आया था. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने स्वीकार किया है कि एससी-एसटी समुदाय के लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए उसने यह कृत्य किया है. चश्मदीद गवाहों ने भी जानकारी दी थी कि उक्त व्यक्ति ने ही पत्थर उठाकर मूर्ति को मारा था.

साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने दो आरोपी बरी किए

उत्तर-पूर्वी में वर्ष 2020 में भड़के साम्प्रदायिक दंगों के मामले में अदालत ने दो आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है. इन पर दंगों के दौरान आगजनी, मले और डकैती के आरोप थे. कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्तय प्रमाचला की कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष इन आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में असफल रहा है. कोट सोनू, रंजीत सिंह, वीरेंद्र और रोहित के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी, जिन पर उस भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था. करावल नगर में 24 फरवरी, 2020 को एक ऑटोरिक्शा को फूंकने के अलावा दो ऑटो चालकों के साथ लूटपाट की वारदात हुई थी. सोनू की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, जबकि रंजीत सिंह के खिलाफ कार्यवाही जनवरी, 2021 में निरस्त कर दी गई थी. अदालत ने कहा कि उन्हें लगता है कि मामले में लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. इसलिए आरोपी वीरेंद्र और रोहित को बरी किया जाता है.