कुमार इंदर,अनूपपुर। मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 से 2023 के इस कार्यकाल का साढ़े चार साल बीत चुका है. साल खत्म होते-होते जनता फिर अपनी सरकार चुनेगी यानी एक बार फिर जनप्रतिनिधियों की आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी है. एमपी की 230 विधानसभा सीटों में मौजूदा हालात क्या हैं, क्षेत्र की क्या स्थिति है, कौन सा विधायक कितने पानी में है ? इन सभी का जवाब अब विधायक जी का रिपोर्ट कार्ड (vidhayak ji ka Report Card) देगा. लल्लूराम डॉट कॉम आपको सूबे के सभी विधायकों की परफॉमेंस और उनके क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों के बारे में बताने जा रहा है. विधायक जी का Report Card में आज बात अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट की.
पुष्पराजगढ़ विधानसभा
आज बात मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की. पुष्पराजगढ़ विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जहां से फुंदेलाल सिंह मार्को वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं. फुंदेलाल सिंह मार्को पिछले दो बार से लगातार विधायक हैं. पुष्पराजगढ़ में 84% मतदाता आदिवासी वर्ग से है. बात करें यहां के मतदाताओं की कुल 1 लाख 84 हज़ार मतदाता पुष्पराजगढ़ में है. पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र का मुख्य तहसील राजेंद्रग्राम है. पुष्पराजगढ़ का अमरकंटक मां नर्मदा का उदगम स्थल है. यह सीट शहडोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक खंड है. इस बार कांग्रेस की हैट्रिक होगी या ‘कमल’ खिलेगा. ये आने वाले वक्त बताएगा.
2018 में किस पार्टी को मिले कितने सीट
इस सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में फुंदेलाल सिंह मार्को ने 69192 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह मरावी को 35647 मतों के अंतर से हराया था. वहीं 10 हज़ार 759 वोटों के साथ तीसर स्थान जीजीपी के ललन परस्ते का था, जबकि 5 हज़ार 349 वोट नोटा में पड़े थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 138345 मत पड़े थे यानी कुल 77.4% मतदान हुआ था.
इस बार यहां चुनाव में आम आदमी की भी चर्चा
पुष्पराजगढ़ विधानसभा में इस बार आम आदमी पार्टी की भी चर्चा चल रही है. पुष्पराजगढ़ के कुछ इलाकों में जनता का कहना है कि उन्होंने भाजपा कांग्रेस दोनों को मौका देकर देख लिया है. इस बार वह आम आदमी के बारे में विचार कर रहे हैं. यह तो वक्त ही बताएगा कि पुष्पराजगढ़ विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कितना दम दिखाती है.
हजारों फीट ऊंचाई पर बसी है पुष्पराजगढ़ विधानसभा
पुष्पराजगढ़ विधानसभा अनूपपुर जिले से पूरी तरह कटा हुआ पहाड़ों पर बसा है. अनूपपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर का जंगल एरिया तय कर पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र पहुंचना पड़ता है. पुष्पराजगढ़ में पहुंचने के लिए आपको घाटी तय करते हुए दुर्गम रास्ते से होकर यहां पहुंचना पड़ेगा. यह कह सकते हैं कि हजारों फीट की ऊंचाई पर पहाड़ों के बीचो-बीच बसी हुई है.
पुष्पराजगढ़ में भी पलायन की समस्या
आदिवासी बाहुल्य विधानसभा पुष्पराजगढ़ में रोजगार के लिए ऐसे कुछ भी खास संसाधन नहीं है. लिहाजा यहां पर मजदूर और कामगार वर्ग को काम की तलाश में दूसरे जिले या दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन करना पड़ता है. इस बात को लेकर भी यहां के स्थानीय लोगों और खासकर आदिवासी समुदाय में नाराजगी देखने को मिलती है. खेती किसानी ही यहां आय का मुख्य साधन है.
पुष्पराजगढ़ विधानसभा में 119 पंचायत
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 119 पंचायत हैं, लेकिन सभी पंचायतों में वही मूलभूत यानी की बिजली पानी और खराब सड़कों की समस्या अभी भी बनी हुई है. पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अस्पताल है, लेकिन डॉक्टर की कमी है.
मां नर्मदा का उदगम स्थल है पुष्पराजगढ़
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ही मां नर्मदा का उद्गम स्थल, पुष्पराजगढ़ विधानसभा के अंतर्गत पढ़ने वाले अमरकंटक से ही मां नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है. पुष्पराजगढ़ के अमरकंटक से नर्मदा निकलते हुए डिंडोरी पहुंचती है. उसके बाद मध्य प्रदेश के तमाम शहरों का सफर तय करते हुए गुजरात सैनिक की बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है.
शहडोल सांसद का पुष्पराजगढ़ में ही है घर
शहडोल संसदीय सीट से भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह भी पुष्पराजगढ़ विधानसभा में ही रहती हैं. हिमाद्री सिंह के सांसद होने के बाद भी पुष्पराजगढ़ को कोई ख़ास फायदा नहीं मिला. पुष्पराजगढ़ की रहने वाली शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह के दल बदल से भी भाजपा में नाराजगी है. पुष्पराजगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के पास अभी ऐसा कोई मजबूत चेहरा नहीं है. जिस पर भाजपा दावे के साथ जीत का दावा कर सके. भाजपा ज़िला अध्यक्ष खुद भी पुष्पराजगढ़ से विधायक की टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
विधानसभा में पानी की समस्या
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पानी की जटिल समस्या है, कई सौ करोड़ की पानी की परियोजना को मंजूरी नहीं मिल पा रही है. पुष्पराजगढ़ पहाड़ पर होने की वजह से पानी पाने में खासी परेशानी हो रही है. लिहाजा लिफ्ट एरीगेशन के जरिए यहां पानी लाने की योजना है, लेकिन अब तक ज़मीन पर नहीं आ पाई है.
विद्युतीकरण के लिए भी योजना
पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को का कहना है कि विद्युतीकरण के लिए 60 करोड़ की योजना को मंजूरी नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते यहां बिजली की समस्या है.
मूलभूत सुविधा से महरूम है इलाका
सड़क को लेकर भी पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में समस्या है, पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में महज एक सरकारी कॉलेज और एक सरकारी यूनिवर्सिटी है, यहां के विधायक सरकार न होने के चलते अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं.
कब कौन रहा विधायक
1957: ललन सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: चिन्ता राम प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1967: एल सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1972: दलबीर सिंह, निर्दलीय
1977: हजारी सिंह, जनता पार्टी
1980: अंबिका सिंह, इंडियन नेशनल कांग्रेस (I)
1985: दीलन सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1990: कुंदन सिंह, जनता दल
1993: शिवप्रसाद सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1998: शिवप्रसाद सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2003: सुदामा सिंह, भारतीय जनता पार्टी
2008: सुदामा सिंह, भारतीय जनता पार्टी
2013: फुंदलाल सिंह मार्को, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2018: फुंदलाल सिंह मार्को, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
क्या है विधायक की स्थिति ?
पुष्पराजगढ़ विधानसभा में विधायक फुंदेलाल की स्थिति की बात की जाए, तो यहां मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. पुराने विधायक होने के चलते स्थिति मजबूत जरूर है. स्थानीय स्तर पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत अधिक है. लेकिन विधायक अपने क्षेत्र में बेहतर विकास के कार्य नहीं करा पा रहे हैं. ऐसे में बीजेपी कोई मजबूत प्रत्याशी उतारती है, तो कड़ी टक्कर जरूर मिल सकती है. वरना जीत की हैट्रिक लगाने से रोक पाना मुश्किल होगा.
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