अम्बिकापुर. जिले के उदयपुर ब्लॉक में राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की कोयला खदान परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) को ग्रुप एफ में मेगा ओपनकास्ट खदान की श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. बिलासपुर के एक इंटरनेशनल होटल में रविवार को खान सुरक्षा महानिदेशालय एवं साउथ ईस्टर्न कोलफ़ील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) की मेजबानी में महानिदेशक धनबाद के मुख्य आतिथ्य में एक पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया. इसमें खान सुरक्षा महानिदेशक, उपमहानिदेशक, निदेशक-सीएमडी (एसईसीएल) ने परसा कांता कॉलरी लिमिटेड (पीकेसीएल) को खान सुरक्षा के विभिन्न श्रेणियों में कुल नौ पुरस्कार प्रदान किए.

वार्षिक खान सुरक्षा पखवाड़ा 2022 के लिए गत वर्ष खान सुरक्षा महानिदेशक द्वारा गठित दल द्वारा सभी प्रतिभागी खदानों का स्थल निरीक्षण किया गया था. इसके मूल्यांकन के आधार पर ग्रुप-एफ के मेगा ओपेनकास्ट माइंस श्रेणी में आरआरवीयूएनएल के पीकेसीएल द्वारा संचालित खुली कोयला खदान को तकनीकी, सुरक्षा, पर्यावरण एवं खनन कार्य में ओवरआल प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है. इसके अलावा पीईकेबी को माईन्स वर्किंग, डम्प मैनेजमेन्ट, रिक्लेमेशन एवं प्रकाश / रोशनी (इल्यूमिनेशन) में भी प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि ट्रेड टेस्ट में तीन एवं सेफ वर्कर श्रेणी में दो पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.

पीईकेबी खुली कोयला खदान को दिए गए पुरस्कारों को आरआरवीयूएनएल के प्रतिनिधियों, खान एजेंट के मैनेजर, सेफ्टी आफिसर तथा अन्य अधिकारियों ने ग्रहण किया. इस उपलब्धि पर पीकेसीएल के क्लस्टर प्रमुख मनोज कुमार शाही ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी और कहा, “यह पुरस्कार सभी के सम्मिलित प्रयासों का नतीजा है जो भविष्य में भी हमें और अधिक व्यवस्थित ढंग से खदान के संचालन हेतु प्रेरणा प्रदान करेगा.”

आरआरवीयूएनएल द्वारा खदान संचालन में अपनी उत्कृष्टता साबित करने के साथ-साथ अपने परियोजना प्रभावित ग्रामों में सामाजिक सरोकारों के तहत गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार तथा अधोसंरचना विकास के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रहा है. वहीं क्षेत्र के आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने भी प्रयासरत है, जिनमें शिक्षा के क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के लिए संचालित सीबीएससी बोर्ड की निःशुल्क अंग्रेजी माध्यम स्कूल शामिल है. इसके साथ-साथ पास के कई सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्ट उत्थान के तहत पढ़ाई में डिजिटल तकनीक के उपयोग से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि तथा उसके गहन अध्ययन में उत्सुकता का संचालन हो रहा है.