लखनऊ. यूपी विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रदेश में बेरोजगारी और शिक्षा के संबंध में पूछे गए सवाल पर जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा है कि नेता विरोधी दल को भी अब जनसंख्या की चिंता होने लगी है. इसी को नियंत्रित करने के लिए हम लोग समान कानून की बात कर रहे हैं. चलिए समाजवादियों में कुछ तो प्रोग्रेस हुई है.
अखिलेश यादव ने योगी सरकार को शिक्षा और बेरोगारी के मुद्दे पर घेरा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में बेरोजगारी की दर तो बताते हैं पर रोजगार कितने दिए इस पर कभी बात नहीं करते हैं. एक अन्य सवाल में अखिलेश ने पूछा कि मुख्यमंत्री योगी बताएं कि प्रदेश में 2017 से 2022 तक 15 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की संख्या में कितनी बढ़त हुई है और सरकार आने वाले समय में इन बच्चों के रोजगार के लिए क्या कर रही है?
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जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अभी एक सदस्य ने बेसिक शिक्षा के विषय में एक प्रदेश, एक कोर्स और एक मूल्य को लेकर सवाल पूछा था. इसमें एक देश और एक कानून को भी जोड़ देते तो अच्छा होता. मुख्यमंत्री योगी ने बेरोजगारी दर को लेकर कहा कि बेरोजगारी दर जो 2017 से पहले 19 फीसदी थी, वो आज 3 से 4 के बीच रह गई है. प्रदेश में रोजगार के जो अवसर सृजित हुए हैं, उसी की वजह से बेरोजगारी दर में कमी आई है.
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सीएम योगी ने प्रदेश में बेरोजगारी दर में हुए सुधार को रोजगार के बढ़ रहे अवसरों से जोड़ते हुए अखिलेश पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार क्या कर रही है ये तो सर्वे भी बताते हैं. बेरोजगारी दर इस बात पर निर्भर करती है कि रोजगार कितने सृजित हुए. 2016-17 में उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 फीसदी से अधिक थी और आज के दिन पर यह 3 से 4 के बीच रह गई है. ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं. लोगों को पारदर्शी तरीके से नौकरी मिल रही है और नौकरी की कोई भी प्रक्रिया न्यायालय में लंबित नहीं है.
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