लखनऊ. सदन में पेश हुई मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक 2 मुस्लिम नेताओं की महत्वाकांक्षाओं के चलते दंगा हुआ था. मुस्लिम लीग के दो नेताओं की महत्वाकांक्षाओं में दंगा हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया कि कोई भी अधिकारी-कर्मचारी या हिंदू उत्तरदायी नहीं था. यह दंगा डॉ शमीम अहमद और डॉ हामिद हुसैन की कारगुजारी की थी. यह पूरा दंगा पूर्व नियोजित तथा उनके दिमाग की उपज थी.
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दरअसल, यूपी विधानसभा में आज 43 साल पहले हुए मुरादाबाद दंगों की एसआईटी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई. अगस्त, 1980 को हुए इस दंगे में 83 लोग मारे गए थे और करीब 100 लोग घायल हुए थे. तत्कालीन वीपी सिंह सरकार में हुए इस दंगे की जांच रिपोर्ट सरकार को 1983 में सौंप दी गई थी, पर इसे सार्वजनिक नहीं किया गया. आज योगी सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.
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गौरतलब है कि मुरादाबाद में अगस्त 1980 में ईदगाह में दंगे भड़के थे. मुस्लिम समुदाय ने स्थानीय दुकानों पर हमले कर दिए थे, जिसे बाद यहां भारी दंगा हो गया थे, जिसमें कई मुस्लिमों की जान भी चली गई थी. इस दौरान मुस्लिम और वाल्मीकि समुदाय के लोग आमने सामने आ गए थे. इन दंगों की जांच के लिए जस्टिस सक्सेना की कमेटी ने रिपोर्ट बनाई गई थी, जिसने 20 फरवरी 1983 को जांच रिपोर्ट सौंप दी थी. इन दंगों में करीब 83 लोगों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
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