अनूप दुबे, कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी (Katni) जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर आदिवासी अंचल में बसा ग्राम कोठी की महिलाएं मुर्गी पालन (poultry) के लिए मशहूर होती जा रही है। आदिवासी ग्राम का मुर्गी पालन ऐसा सफल हुआ कि दूसरे जिलों की महिलाएं भी प्रशिक्षण लेने आ रही हैं। ढीमरखेड़ा तहसील के 9 आदिवासी गांवों की 190 आदिवासी महिलाएं इसी के माध्यम से घर बैठे कमाई कर रही है।

मुर्गी पालन कर रही निरंजनी बाई, राजकुमारी बाई और माया बाई ने बताया कि 5 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर केवीएस चौधरी गांव में आए थे। उन्होंने महिलाओं को इस कार्य से फायदा होने की बातें समझाई थी। कलेक्टर की बात मानकर मुर्गी पालन के लिए गांव की महिलाएं तैयार हुई। गांव की 35 महिलाएं इसी का कार्य कर रही हैं। तहसील क्षेत्र के 9 आदिवासी गांव में 190 महिलाएं 5 सालों से लगातार यह कार्य कर रही हैं। महीने में 5 से 7 हजार की कमाई घर बैठे हो जाती है।

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आदिवासी क्षेत्र में मुर्गी पालन का काम सफल है। क्षेत्र की और भी महिलाएं मुर्गी पालन का कार्य करना चाहती है। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार को सहयोग करना चाहिए। मॉडल गांव बना कोठी में दूसरे जिलों से महिलाएं आती हैं। बताया गया कि सागर, शिवपुरी और पन्ना जिले की महिलाएं गांव में मुर्गी पालन का प्रशिक्षण लेने आ चुकी है। कलेक्टर ने ग्राम की महिलाओं को मुर्गी पालन करने के पहले प्रशिक्षण दिलवाया था।

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