नई दिल्ली। भारत ने अपना मिशन चंद्रयान-3 पिछले महीने लॉन्‍च किया. अब रूस भी अपने उपग्रह को चांद पर भेजने की तैयारी में जुटा है. मिशन लूना-25 का आगाज 11 अगस्‍त को होगा, और यह महज 5 दिन के भीतर चांद पर पहुंच जाएगा. यह रूस का पहला मून मिशन नहीं है. रूस इससे पहले 1976 में लूना-24 को लॉन्‍च कर चुका है.

रूस में लूना-25 की लॉन्चिंग की तैयारी चल रही है और यह चंद्रयान-3 से पहले चांद पर लैंड करेगा. इसे चांद के साउथ पोल पर लैंड कराया जाएगा. माना जा रहा है कि इस पोल पर पानी मिलने की संभावना ज्‍यादा है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के मुताबिक, लूना-25 की लॉन्चिंग रूस के वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से होगी, जो मॉस्को से 5,550 किमी की दूरी पर स्थित है. यह मात्र 5 दिन के अंदर ही चांद पर पहुंच जाएगा.

रूसी स्‍पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है, लूना को लॉन्‍च करने के लिए सोयुज-2 फ्रिगेट बूस्टर का इस्‍तेमाल किया जाएगा. यह मिशन की खूबी है. लॉन्‍च‍िंग के बाद लूना-25 मात्र 5 दिन में ही चांद पर लैंड करेगा. करीब 5 दिन तक ऑर्बिट में बिताने के बाद यह चांद पर उतरेगा. इसके उतरने का समय लगभग वही हो सकता है, जो भारतीय चंद्रयान-3 का है.

रूसी स्‍पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है, लूना को लॉन्‍च करने के लिए सोयुज-2 फ्रिगेट बूस्टर का इस्‍तेमाल किया जाएगा. यह मिशन की खूबी है. लॉन्‍च‍िंग के बाद लूना-25 मात्र 5 दिन में ही चांद पर लैंड करेगा. करीब 5 दिन तक ऑर्बिट में बिताने के बाद यह चांद पर उतरेगा. इसके उतरने का समय लगभग वही हो सकता है, जो भारतीय चंद्रयान-3 का है.