रायपुर. हिन्दू धर्म में पेड़ को कलावा बांधने से भी शुभता का आगमन होता है और व्यक्ति को कई लाभ भी प्राप्त होते हैं. ज्योतिष में पांच ऐसे पेड़-पौधे बताए गए हैं, जिन्हें कलावा बांधने से घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता और सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है.

तुलसी का पौधा
तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र माना जाता है। घर-घर में तुलसी पूजन का रिवाज है। तुलसी पूजा से न सिर्फ घर में मां लक्ष्मी का वास होता है बल्कि वास्तु दोष भी दूर हो जाता है। ऐसे में अगर तुलसी के आगे दीपक जलाने के बाद तुलसी को कलावा बांधा जाए तो इससे तुलसी मैय्या की कृपा हमेशा बनी रहती है। माना जाता है कि तुलसी को कलावा बांधने से बुरी शक्तियां परिवार पर हावी नहीं हो पाती हैं.

बरगद का पेड़
बरगद के पेड़ की पूजा का शास्त्रों में विशेष विधान है। वट सावित्री व्रत के दौरान भी बरगद के पेड़ की पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। माना जाता है कि बरगद के पेड़ की पूजा के बाद उसे कलावा बांधने से सुहाग की रक्षा होती है और अकाल मृत्यु जैसा योग भी टल जाता है। बरगद के पेड़ को कलावा बांधने से यमराज की कृपा प्राप्त होती है.

पीपल का पेड़
पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव समेत समस्त देवी-देवताओं का वास माना गया है। शास्त्रों में पीपल के पेड़ की पूजा का भी विधान है। ऐसे में अगर पीपल के पेड़ की पूजा के बाद हर मंगलवार और शुक्रवार को कलावा बांधा जाए तो इससे घर में सकारात्मकता आती है और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है.

शमी का पौधा
शमी का पौधा शनि देव को अत्यंत प्रिय है। शनि देव की कृपा पाने और शनि दोष से बचने के लिए शमी के पौधे को घर में लगाने की सलाह दी जाती है। वहीं, शमी के पौधे को कलावा बांधने से शनि देव (शनि देव को प्रसन करने के उपाय) प्रसन्न होते हैं और घर में राहु का दुष्प्रभाव भी कम होने लगता है.

केले का पेड़
केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। ऐसे में अगर केले के पेड़ की पूजा के साथ-साथ केले के पेड़ को कलावा बांधा जाए तो इससे भगवान विष्णु की कृपा और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद स्वतः ही प्राप्त हो जाता है। साथ ही, अगर ये कार्य गुरुवार को किया जाए तो इससे बृहस्पति देव का शुभ साथ भी प्राप्त होता है.