फीचर स्टोरी। राज्य में किसानों को आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से सौर सुजला योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना से सोलर पंप प्रदाय कर किसानों को सिंचाई की सुविधा दी जा रही है. यह लाभ उन किसानों को दिया जाता है, जिनके पास जल स्त्रोत जैसे नदी, तालाब, कुआं और बोरवेल पहले से ही उपलब्ध है. राज्य में इसका क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण द्वारा किया जा रहा है.

इस संबंध में क्रेड़ा विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस योजनांतर्गत अब तक कुल 9143 पम्पों की स्थापना जिले के किसानों को प्रदान की जा चुकी है, जबकी वर्ष 2023 में 1500 पम्प की स्थापना की गई है, जिससे जिले के दुर्गम क्षेत्रों में भी किसानों के खेतों में फसल लहलहा रही है. वर्षाजल पर आश्रित रहने वाले किसान अब योजना से लाभ लेकर दो से अधिक फसलों और साग-सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे उनके आय में निरंतर वृद्धि हो रही है. उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है.

विकासखण्ड रामचंद्रपुर के ग्राम चंदनपुर के किसान बनारसी मेहता बताते हैं कि उनके पास 1.5 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिस पर उन्होंने नलकूप खनन के उपरांत क्रेडा विभाग के सहयोग से सिंचाई के लिए सोलर पंप की स्थापना कराया था. वर्तमान में मेहता द्वारा धान एवं साग-सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सोलर पम्प की स्थापना के बाद दोहरी फसल का लाभ ले रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है.

विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम कृष्णानगर के किसान सुकुमार द्वारा वर्ष 2023-24 में 03 एचपी क्षमता के सोलर पम्प की स्थापना कराया गया. उनके पास लगभग 1.5 एकड़ कृषि योग्य भूमि है. वे बताते हैं कि इस वर्ष वर्षा में विलम्ब होने के कारण धान की रोपाई का कार्य नहीं हो पा रहा था, लेकिन सोलर पम्प लगने से सही समय में धान की रोपाई का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब वे धान के अलावा साग-सब्जी का भी उत्पादन करेंगे.

किसान ले रहे दोहरी फसल का लाभ

जिले के ऐसे किसान जो वर्षा जल आधारित कृषि करते थे, उन्हें वर्षा की लेट-लतीफी होने से भारी नुकसान उठाना पड़ता था तो वहीं पानी की दिक्कतों से किसान रबी फसल नहीं ले पाते थे. लिहाजा दोनों फसलों में आर्थिक नुकसान की आशंका किसानों को बनी रहती है. इसी समस्या को देखते हुए शासन द्वारा सौर सुजला योजना प्रारंभ किया गया। सौर सुजला योजना से आज जिले के किसान रबी एवं खरीफ फसलों के साथ-साथ साग-सब्जियों का उत्पादन बिना परेशानी के कर रहे हैं. सौर सुजला योजना से पानी की समस्या खत्म होने से सभी प्रकार के कृषि, सब्जी उत्पादन के साथ अन्य कार्य सुचारू तरीके से किया जा रहा है. किसान धान के साथ सब्जी फसल भी ले रहे है, जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो रहा है.

विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम कोटरकी के किसान आशामुनी ने बताया कि पहले खरीफ की फसल आसानी से हो जाती थी, लेकिन पानी की समस्या के कारण रबी की फसल लेने में दिक्कत होती थी. ऐन वक्त में बिजली की समस्या भी आ जाती थी, लेकिन अब सौलर पम्प लगने से बिजली और बिल दोनों की समस्या खत्म हो गई. अब वे खरीफ और रबी दोनों फसल को बड़ी आसानी से ले पा रहे हैं. इससे उनकी आमदनी बढ़ी है.

सोलर पम्प लगवाने के लिए कैसे करें आवेदन

वर्तमान में सौर सुजला योजनान्तर्गत जिले को 1500 पम्प लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिस हेतु इच्छुक कृषक अपना आधार कार्ड, भूमि का खसरा, रकबा एवं कार्य स्थल का सत्यापित नक्शा, जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति तथा आवेदन शुल्क का डिमांड ड्राफ्ट (पम्प अनुसार) 03 एचपी के लिए 03 हजार एवं 05 एचपी के लिए 4800 रुपये एवं स्थापना स्थल के फोटोग्राफ्स, पासबुक की छायाप्रति के साथ अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, क्रेडा या उप संचालक कृषि कार्यालय से संपर्क कर योजना का लाभ ले सकते हैं.

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