कहते हैं अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो, लेकिन कहीं ना कहीं वह अपने कुछ निशान छोड़ ही जाता है। दरअसल मेरठ में हालिया हुए लूट-हत्या कांड में पुलिस ने जो खुलासा किया है, उससे एक बार फिर ऊपर इस्तेमाल की गई लाइन सही साबित हो गई हैं>यहां अपराधियों की 2 साल लंबी योजना और ‘असुर’ वेब सीरिज देख बनाई गई रणनीति सारी फेल हो गईं। आरोपी प्रियांक शर्मा और यश शर्मा अरेस्ट हैं।
बता दें कि मेरठ में बीते गुरुवार को स्पोर्ट्स व लोहा कारोबारी डीके जैन और उनकी पत्नी की हत्या और घर में लूट के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज देखी और 10 टीमों का गठन किया. पुलिस की 10 टीमें 2 दिनों तक मामले की जांच करती रही और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश करती रही।
‘असुर’ देखी और 2 साल तक योजना बनाई
मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस से मिली सूचना के मुताबिक, आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने घटना को अंजाम देने के लिए पहले “असुर ” वेब सीरीज देखी और उसके बाद एक घर को चिन्हित किया. फिर करीब 2 साल तक उस घर की रेकी की गई और घटना को अंजाम दिया।
एलएलबी का छात्र हैं मुख्य आरोपी
बता दें कि घटना के दो दिन बाद शनिवार को मेरठ पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मुख्य आरोपी 25 साल के प्रियांक शर्मा को गिरफ्तार किया है. बता दें कि प्रियांक एलएलबी 3rd ईयर का छात्र है. इसी के साथ पुलिस ने उसके साथी यश शर्मा उर्फ यशु को भी गिरफ्तार किया है. घटना का खुलासा करते हुए इसे लूट का माल भी बरामद कर लिया गया है.
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वेब सीरीज असुर देखकर आया था आईडिया
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने साल 2020 वेब सीरीज “असुर” देखी थी, जिसके बाद उनके मन में इस तरह की घटना को करने का विचार आया. इसके बाद उन्होंने घटना को अंजाम देने के लिए एक घर को चुना और 2 साल तक इस घर पर निगाह रखी और इसकी रेकी की. पुलिस ने बताया है कि डीके जैन का घर आरोपियों ने इसलिए चिन्हित किया, क्योंकि उनके लिए यहां घटना को अंजाम देना आसान था।
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2 सालों में जमा कर ली थी काफी जानकारी
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने 2 साल तक रेकी की और काफी जानकारी पता कर ली. सुबह 7.30 बजे से लेकर लगभग 8.15 बजे तक घर में कोई नहीं आता-जाता था और दरवाजे भी खुले रहते थे. आरोपियों को पता था कि दूधवाला भी आकर सीधे घर में चला जाता था और दूध स्वयं ही किचन में रखकर बाहर आ जाता था. आरोपियों को पता था कि इस घर का गेट सुबह-सुबह खुला हुआ रहता है. इसलिए उन्होंने इस घर का चुनाव किया. यहां तक की उन्होंने बच्चों के स्कूल जाने और आने का समय भी पता कर लिया था। इन 2 सालों में आरोपियों ने घर में आने-जाने वाले सभी लोगों के बारे में भी जानकारी जमा कर ली. यहां तक की पास की एक दुकान पर बैठकर घर की कई दिनों तक निगरानी की गई. इसके बाद दोनों ने घटना को अंजाम देने के लिए उस रोड का इस्तेमाल किया, जहां सीसीटीवी कैमरे कम हैं।
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