छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संपदाओं के साथ-साथ अब कृषि की असीम संभावनों वाला राज्य बन गया है. प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरत वादियों का नजारा जहां हरियाली, ठंडकदार मिट्टी की सौंध महक चारों ओर फैली रहती है. पहले यहां के कृषक केवल धान की खेती ही करते थे. लेकिन अब यहां धान के अलावा किसान अन्य फसल भी ले रहे हैं. जिससे प्रदेश में अब कृषि के लिए अनेक संभावनाएं बनी है.
ऐसे ही एक आत्मनिर्भर युवा किसान हैं मैनपाट के अभिषेक यादव. जो कि मिलेट्स समेत सब्जी और धान की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं. अभिषेक 17 वर्ष की उम्र से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेती किसानी कर रहे हैं. अभिषेक बड़े पैमाने पर धान, मक्का, आलू, कोदो, कुटकी सहित स्थानीय फसल टाऊ की खेती कर रहे हैं.
आने-जाने के खर्च में हो रही बचत- किसान
कृषक अभिषेक कहते हैं कि आज किसान कोदो-कुटकी की खेती से भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं क्योंकि अब सरकार समर्थन मूल्य पर कोदो कुटकी की खरीदी कर रही है. वे कहते हैं कि पहले फसल बेचने में दिक्कत होती थी, अब छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मिलेट मिशन योजना के तहत कोदो कुटकी (मिझरी) फसल को यही बेच रहे हैं. आने-जाने के खर्च में बचत हो रही है और रेट भी अच्छा मिल रहा है. उन्होंने किसान युवा साथियों को कहा है कि खेती बाड़ी को भी रोजगार की तरह देखना चाहिए.
मिलेट्स की खेती को लेकर बढ़ा अन्नदाताओं का रुझान
छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के चलते राज्य में कोदो, कुटकी और रागी (मिलेट्स) की खेती को लेकर किसानों का रूझान बहुत तेजी से बढ़ा है. पहले औने-पौने दाम में बिकने वाला मिलेट्स अब छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छे दामों में बिकने लगा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल के चलते राज्य में मिलेट्स की समर्थन मूल्य पर खरीदी होने से किसानों को करोड़ों रुपये की आय होने लगी है. छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है. कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर 3000 प्रति क्विंटल की दर से और रागी की खरीदी 3377 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है.
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