रवि गोयल,जांजगीर चाम्पा. जिले के नगर पंचायत डभरा में संचालित नवीन प्राथमिक शाला के लिए भवन नहीं होने से जुगाड़ के भवन में संचालित किया जा रहा है. यहां विद्यालय बनने के लिए वर्ष 2006 में स्वीकृत कर दिया गया था. लेकिन आज 12 साल गुजर जाने के बाद भी बच्चे स्कूल भवन के लिए तरस रहे है. विद्यालय नहीं होने से बच्चों की क्लास नगर पंचायत डभरा के ही मंगल भवन में संचालित किया जा रहा है.

गौरतलब है कि डभरा के वार्ड क्रमांक 7 में संचालित नविन प्राथमिक शाला में कक्षा पहली से पांचवी तक कुल 14 छात्र-छात्राएं पढ़ती है. पहले यहां कई बच्चे हुआ करते थे. लेकिन भवन नहीं होने से उनके परिजन दूसरे स्कूलों में उनका दाखिला करवा दिए हैं. ये जो 14 बच्चे बचे हैं वो एक की कमरे में एक साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे है. यह सिलसिला दो-चार महीने से नहीं बल्कि पिछले 9 सालों से चल रहा है. शिक्षक और बच्चे यहां पढ़ने पढ़ाने को मजबूर है.

यहां तक की प्राथमिक शाला की भवन नहीं होने की जानकारी क्षेत्रीय विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव को लगी. उन्होंने ने विद्यालय भवन के लिए डीएमएफ फंड से 12 लाख रुपए की स्वीकृति के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा था. मगर अफसोस अभी तक प्रशासन द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई है. फिर क्या था विधायक महोदय भी दुबारा विद्यालय की ओर झंकने नहीं आए और ना ही इस बारे में कोई चर्चा की गई.

वहीं बच्चों को माध्यन भोजन भी मिलता है लेकिन कमरा तो पढ़ने के लिए ही नहीं है तो भोजन किस कमरे में बनाया जाए. यह माध्यन भोजन भी शिक्षकों की देखरेख से दूर कहीं और से बनाकर भवन में लाया जाता है. 12 साल बाद भी आज तक शासन-प्रशासन द्वारा इस विद्यालय के नौनिहालों के लिए किसी भी प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है. जिससे मजबूरी में बच्चे जुगाड़ के भवन में शिक्षा लेने को मजबूर है.

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